
देवेंद्र फडणवीस और अतुल लोंढे (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति सरकार ने लोगों से कई वादे किए। इन वादों में किसानों की कर्जमाफी, लाडकी बहन योजना आदि योजनाएं शामिल है। सरकार आने के बाद अब इन वादों को पूरा करने और राज्य को सुव्यवस्थित तरीके से चलाने के लिए सरकार के पास फंड नहीं है, जिससे महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है। इस प्रभाव को कम करने के लिए अब धीरे-धीरे सरकार अपनी बातों से मुकरना शुरू कर रही है।
सबसे पहले लाडकी बहन योजना के पैसों को 1500 से 500 कर दिया गया। इसके बाद अजित पवार ने किसानों की कर्जमाफी करने से साफ इंकार कर दिया। अजित पवार का कहना है कि मैंने ऐसा कोई वादा नहीं किया था और सभी को कर्जा चुकाने के लिए कह दिया। इससे किसानों पर दबाव बन रहा है और उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार की इन हरकतों पर अतुल लोंढे ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार ने महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को बदतर कर दिया है।
महाराष्ट्र सरकार में लाडकी बहन योजना के लिए फंड शिफ्ट करने को लेकर असहमति पर कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे पाटिल ने कहा, “सरकार के तीनों दलों के बीच गैंगवार चल रहा है। कभी यह संरक्षक मंत्री के लिए होता है, कभी पोर्टफोलियो के लिए, कभी फंड के लिए। लाडकी बहन योजना एक चुनावी स्टंट थी, बीजेपी, एकनाथ शिंदे और अजित पवार का, जिसे वे अब यह कहकर नकार रहे हैं कि उन्होंने 2,100 रुपये का वादा नहीं किया था। अपनी बातों से पलट रहे है।”
VIDEO | On disagreement in Maharashtra government over fund shift to Ladki Bahin scheme, Congress spokesperson Atul Londhe Patil (@atullondhe) says, “There is a gang war going on between the three parties of the government. Sometimes it is for guardian minister, sometimes for… pic.twitter.com/gR8CT36jN8 — Press Trust of India (@PTI_News) May 4, 2025
अमित शाह का वादा याद दिलाते हुए अतुल लोंढे ने कहा, “अमित शाह ने होली और दिवाली पर दो सिलेंडर देने की बात कही थी, हम पहले ही होली पार कर चुके हैं, कोई सिलेंडर नहीं मिला, 2100 रुपये नहीं हुआ। आज महाराष्ट्र जो दुनिया की 16वीं अर्थव्यवस्था है। जब यह सरकार आई थी तब महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था अच्छी थी। आज, वे अपने वादों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं, दूसरी तरफ, वे अन्य विभागों के फंड के लिए हाथापाई कर रहे हैं, जो बजटीय प्रावधान हैं। यह साबित करता है कि उन्होंने अर्थव्यवस्था को बदतर बना दिया है।”
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इससे पहले संजय राउत ने भी सरकार पर लाडकी बहन योजना को लेकर निशाना साधा है। शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा था कि लाडकी बहन योजना लगभग बंद हो गई है। पहले आपने कहा था कि आप 1,500 रुपये देंगे, अब केवल 500 रुपये दिए जा रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान कहा गया था कि 2100 रुपये दिए जाएंगे। अगर फंड डायवर्ट किया गया है, तो इसमें नया क्या है? क्या एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस ने अपनी जेब से 1500 रुपये नहीं दिए? यह जनता का पैसा है। इस योजना को बंद करो, 500 रुपये क्यों दे रहे हो, क्या तुम दान कर रहे हो?






