
चेक बाउंस (सौ. सोशल मीडिया )
Cheque Bounce Cases In Mumbai: देश की अदालतों में चेक बाउंसिंग के 35 लाख से अधिक केस पेंडिंग है और अकेले मुंबई के किला कोर्ट में ही 1।65 लाख केस लंबित हैं। जिनमें व्यापारियों को तारीख पर तारीख मिल रही है, परंतु न्याय नहीं मिल रहा है।
चेक बाउंस व्यापार क्षेत्र में एक बड़ी गंभीर समस्या है। चूंकि मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है, लिहाजा चेक बाउंसिंग के सबसे अधिक मामले भी यहीं के हैं। इसलिए मुंबई के लाखों व्यापारी भी न्याय में हो रही देरी से त्रस्त हैं।
चेक बाउंसिंग के मामले वर्षों से लंबित होने के कारण देशवासियों के अरबों रुपए अटक गए हैं। मुंबई के कपड़ा व्यापारियों की प्रमुख संस्था भारत मर्चेंट्स चेंबर ने इस गंभीर मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीफ जस्टिस बीआर गवई और केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है।
भास्त मर्चेंट्स चेंबर के अध्यक्ष मनोज जालान ने प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस और कानून मंत्री को भेजे अपने ज्ञापन में कहा कि चैंबर को एक आरटीआई में जानकारी मिली कि पिछले दस साल में दक्षिण मुंबई स्थित किला कोर्ट, जिसे एस्प्लेनेड कोर्ट भी कहा जाता है। पिछले 10 साल के 1 लाख 65 हज़ार से अधिक चैक बाउंसिंग के केस पेंडिंग है।
जबकि पूरे देश की विभिन्न अदालतों में 35 लाख से अधिक केस पेंडिंग है। व्यापार में यह एक देशव्यापी समस्या है। जिससे सबसे अधिक एमएसएमई व्यापारी बुरी तरह प्रभावित हो रहे है, इस तरह चेक बाउंसिंग के मामलों में शिकायतकर्ताओं के अरबों रुपए अटके हुए है। इससे सरकार का ‘ईज ऑफ बिजनेस डूइंग का विजन भी कमजोर होता है। सुप्रीम कोर्ट भी समय-समय पर एक समय सीमा के अंतर्गत ट्रायल पूरा करने को कहता जरूर है, परंतु ऐसा होता नहीं है।
भारत मचंट्स चैबर ने अपने ज्ञापन में इस गंभीर समस्या के तुरंत समाधान के लिए सरकार द्वारा ब्लू प्रिंट बनाये जाने पर जोर दिया है। संस्था के उपाध्यक्ष विनोद गुप्ता ने कहा कि हमने सरकार और चीफ जस्टिस को सुझाव दिया है कि देश के आर्थिक विकास में बन रही इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए है। जिन पर अमल कर चेक बाउंसिंग के लंबित लाखों मामलों का जल्द निपटान करने में आसानी होगी।
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