MIDC कंपनी (pic credit; social media)
Maharashtra News: तलोजा MIDC क्षेत्र की कंपनियां इन दिनों महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) की देरी और मनमानी के कारण परेशान हैं। उद्योगपतियों का आरोप है कि पिछले कई महीनों से MPCB द्वारा कंपनियों को विस्तार और उत्पाद परिवर्तन की अनुमति नहीं दी जा रही है। इससे न केवल कंपनियों पर आर्थिक बोझ बढ़ा है, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी प्रभावित हुए हैं।
इस मुद्दे को लेकर तलोजा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (TIA) ने केंद्र और राज्य सरकार को पत्र लिखकर चिंता जताई है और MPCB की मनमानी पर रोक लगाने की मांग की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश शेट्टी ने बताया कि तलोजा MIDC की कंपनियां पिछले 11 महीनों से सभी पर्यावरणीय मानकों का पालन कर रही हैं। इसके बावजूद MPCB उनकी फाइलें अटका रहा है।
शेट्टी ने कहा कि इस रवैये से कंपनियों की उत्पादन लागत बढ़ रही है और कई उद्योगपति अपने कारोबार को अन्य राज्यों में स्थानांतरित करने पर विचार कर रहे हैं। इससे महाराष्ट्र की औद्योगिक छवि को नुकसान हो सकता है।
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उन्होंने आगे बताया कि तलोजा MIDC क्षेत्र में 950 से अधिक कंपनियां कार्यरत हैं, जिनमें करीब 3 लाख लोग सीधे तौर पर रोजगार पा रहे हैं। यदि उद्योगों को विस्तार और उत्पाद परिवर्तन की अनुमति मिलती है, तो यहां नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। लेकिन MPCB की देरी से विकास की रफ्तार थम गई है।
एसोसिएशन ने यह भी कहा कि कंपनियों के विस्तार में बाधा डालने से राज्य और केंद्र सरकार को जीएसटी राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। इसीलिए, उद्योगों को विकास और नवाचार की अनुमति जल्द से जल्द दी जानी चाहिए।
TIA ने अपने पत्र में भारत को 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने पर बधाई देते हुए कहा कि यदि देश को शीर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था बनना है, तो सरकार को ऐसे अड़चनों को दूर करना होगा और उद्योगों को आगे बढ़ने का मौका देना होगा।