छगन भुजबल (pic credit; social media)
Maharashtra News: मराठा समाज और उनके सगे-संबंधियों के ओबीसी कोटे में आरक्षण की मांग के लिए आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल का मुंबई में अनशन सोमवार को चौथे दिन भी जारी रहा। लगातार चार दिनों से चल रहे अनशन के कारण मनोज जरांगे का स्वास्थ्य प्रभावित होने लगा है।
स्थिति को गंभीर देखते हुए राज्य के ओबीसी नेता भी सतर्क हो गए हैं। महायुति सरकार में मंत्री और ओबीसी नेता छगन भुजबल ने सोमवार को ओबीसी नेताओं के साथ मुंबई में बैठक की। बैठक के बाद पत्रकार परिषद में भुजबल ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि हमारे साथ अन्याय हुआ, तो हम भी लाखों की संख्या में मुंबई में प्रदर्शन करेंगे और शहर फिर से जाम हो जाएगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं को राज्यव्यापी आंदोलन की तैयारी शुरू करने का निर्देश भी दिया।
भुजबल ने कहा कि यह मामला न तो शरद पवार के हाथ में है और न ही देवेंद्र फडणवीस के। उन्होंने जोर देकर कहा कि ओबीसी समुदाय में किसी और को शामिल नहीं किया जाना चाहिए। भुजबल ने बताया कि पहले ओबीसी सूची में 250 जातियां थीं, अब 350 हो गई हैं, जिनमें से 17 लिंगायत उपजातियां थीं, जिन्हें आयोग की सिफारिश के अनुसार शामिल किया गया।
उन्होंने आगे कहा कि चार आयोगों, उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय ने मराठा समुदाय को ओबीसी में शामिल करने से इनकार किया है। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, मराठा समुदाय पिछड़ा नहीं है। केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (EWS) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण और मराठा समुदाय के लिए 8 प्रतिशत आरक्षण अलग से लागू किया है।
भुजबल ने स्पष्ट किया कि खेती करने वाले सभी समुदायों को ‘कुंबी’ नहीं कहा जा सकता। 27 प्रतिशत आरक्षण में से 17 प्रतिशत में 374 जातियां शामिल हैं और इसमें किसी और को शामिल नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्यव्यापी अनशन, जिलों और तालुका-स्तरीय जुलूसों के साथ आंदोलन जारी रहेगा और जरूरत पड़ने पर अदालतों का रुख भी किया जाएगा।
भुजबल की चेतावनी ने सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है और ओबीसी नेताओं में सतर्कता पैदा कर दी है।