बंबई उच्च न्यायालय व सचिन वाजे (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र के भ्रष्टाचार मामले से चर्चा में आए बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को बंबई उच्च न्यायालन ने बड़ी राहत दी है। बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को भ्रष्टाचार के एक मामले में सचिन वाजे को जमानत दे दी। इस मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख भी आरोपी हैं। न्यायाधीश एम.एस.सोनक की अध्यक्षता वाली पीठ ने सचिन वाजे को जमानत देते हुए कहा कि इसकी शर्ते केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के मामलों की विशेष अदालत तय करेगी।
भ्रष्टाचार के मामले में जमानत मिलने के बावजूद सचिन वाजे जेल से रिहा नहीं होंगे क्योंकि ‘एंटीलिया’बम धमकी मामले में एनआईए द्वारा दर्ज मामले में वह न्यायिक हिरासत में हैं। इस समय न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद सचिन वाजे ने जमानत पर रिहा करने का अनुरोध करते हुए कहा कि वह मामले में सरकारी गवाह है साथ ही इस मामले के अन्य आरोपी को जमानत दी गई है इसे देखते हुए समानता के आधार पर उसे भी जमानत दी जानी चाहिए।
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सचिन वाजे के वकील अबाद पोंडा ने सुनवाई के दौरान दलील दी कि सरकारी गवाह घोषित किए जाने के बावजूद उनके मुवक्किल को जेल में रखना उसके मौलिक अधिकारों का उल्लघंन है। सीबीआई ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी वाजे को अबतक मामले में बरी नहीं किया गया है और उन्हें जमानत देना मामले के हित में नहीं होगा। बता दें कि सीबीआई की विशेष अदालत ने जून 2022 में सचिन वाजे को सरकारी गवाह घोषित किया था।
जानकारी के बता दें कि सचिन वाजे को दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास ‘एंटीलिया’ के पास विस्फोटकों से भरे वाहन मिलने और ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में कथित भूमिका के लिए मार्च 2021 में गिरफ्तार किया गया था।
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मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए भ्रष्टाचार और पद का दुरुपयोग करने के आरोपों की प्रारंभिक जांच करने के लिए बंबई उच्च न्यायालय ने अप्रैल 2021 में सीबीआई निर्देश दिया था।