'...तो नपेंगे ठेकेदार', फ्लाईओवर निर्माण में न हो लोगों को असुविधा, अपर नगर आयुक्त ने दिया निर्देश
Mumbai News: मुंबई महानगर में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के पुल विभाग के माध्यम से चल रहे विभिन्न पुल परियोजनाएं और स्काईवॉक निर्माण कार्यों की प्रगति का बीएमसी के अपर नगर आयुक्त (परियोजना) अभिजीत बांगर ने बुधवार को प्रत्यक्ष जायजा लिया। बांद्रा से धारावी तक फ्लाईओवर, वर्ली में ई. मोसेस मार्ग और डॉ. एनी बेसेंट मार्ग के बीच नाले पर बनने वाले फ्लाईओवर और बांद्रा में स्काईवॉक के निरीक्षण के उपरांत उन्होंने कहा कि बांद्रा और धारावी के बीच फ्लाईओवर पुनर्निर्माण के पहले चरण का निर्माण 30 नवंबर 2025 तक पूरा किया जाए।
इसके साथ-साथ परियोजना स्थल पर बनने वाले दूसरे पुल का कार्यादेश जल्द ही जारी किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि इस कार्य को 18 महीनों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस मौके पर उन्होंने कार्य शुरू होने के बाद पुल की निर्माण अवधि न बढ़े और नागरिकों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसका विशेष ध्यान रखने का स्पष्ट निर्देश भी अधिकारियों को दिया। इस दौरान मुख्य अभियंता (पुल) उत्तम श्रोत्रे और अन्य संबंधित अधिकारी एवं अभियंता उपस्थित थे।
बांगर ने कहा कि मीठी नदी बेसिन चौड़ीकरण परियोजना के अंतर्गत बांद्रा से धारावी तक पुल का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। मीठी नदी के समुद्र में संगम पर नदी के मुहाने को चौड़ा किया जा रहा है ताकि नदी का प्रवाह तेजी से मिल सके। धारावी में फ्लाईओवर का पुनर्निर्माण दो चरणों में किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य जल प्रवाह में न्यूनतम बाधा उत्पन्न करना है। पहले चरण के अंतर्गत निर्मित फ्लाईओवर का निर्माण 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है। पुल का कार्य 30 नवंबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।
इस चरण के पूरा होने के बाद, मौजूदा पुल के दक्षिणी ओर की दो लेन यातायात के लिए खुल जाएंगी। ये नई लेन माहीम कॉजवे की ओर जाने वाले फ्लाईओवर तक सीधी पहुंच प्रदान करेंगी और यातायात की गति, सुगमता और सुरक्षा को बढ़ाएगी। लेकिन परियोजना स्थल पर बनने वाले दूसरे पुल का कार्य शुरू होने से पहले, कार्य पूरा होने की अवधि निर्धारित की जानी चाहिए। इसके साथ ही, कार्य की ठोस समय-सीमा निर्धारित करके परिवहन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) और अन्य आवश्यक अनुमतियां पहले ही प्राप्त कर ली जानी चाहिए।
बांद्रा रेलवे स्टेशन और महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) कार्यालय के बीच नगर निगम द्वारा स्काईवॉक का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। बांगर ने इस स्काईवॉक कार्य का निरीक्षण किया और कहा कि माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार स्काईवॉक का कार्य तीव्र गति से पूरा किया जाना चाहिए।
यह भी पढ़ें- ‘जब गांव जाता हूं तो विरोधी डिप्रेशन में…’, उपमुख्यमंत्री शिंदे ने विपक्ष पर बोला हमला
बीएमसी यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास करे कि स्काईवॉक 31 दिसंबर 2025 से पहले नागरिकों के उपयोग के लिए खुल जाए। स्काईवॉक का लगभग 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। शेष कार्य अगले 3 महीनों में पूरा किया जाना चाहिए। कार्य के विभिन्न चरणों के लिए समय-सीमा निर्धारित की गई है। इस कार्य में किसी भी प्रकार की देरी नहीं होनी चाहिए। यदि निर्धारित समय-सीमा का पालन नहीं किया जाता है तो ठेकेदार के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।