
कॉन्सेप्ट फोटो (सोर्स: सोशल मीडिया)
Maharashtra Local Body Election: देश की सबसे अमीर माने वाली बीएमसी के चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो जाएगी। सभी पार्टी के उम्मीदवार 30 दिसंबर तक अपना नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं।
नामांकन पत्र दाखिल होने के बाद 31 दिसंबर से नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। उम्मीदवारी वापस लेने की तारीख 2 जनवरी 2026 है। चुनाव चिन्ह वितरण व अंतिम उम्मीदवारी की लिस्ट 3 जनवरी को जारी की जाएगी।
वोटिंग की तारीख 15 जनवरी है, जबकि रिजल्ट 16 जनवरी को घोषित किए जाएंगे, नामांकन के पहले दिन बड़े राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों के पर्चा भेजने की संभावना कम है क्योंकि सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है।
मुख्य राजनीतिक दलों ने अब तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। महायुति में बीजेपी व शिंदे सेना के बीच सीटों पर हुआ है। जबकि उद्धव सेना व मनसे के बीच सीटों को लेकर खींचतान जारी है। उम्मीद है कि अगले दो दिनों में सीटों को लेकर फैसला हो जाएगा। वहीं कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है लेकिन उनकी भी उम्मीदवारों की सूची आना बाकी है। पेंच
आगामी चुनाव में महायुति और विपक्ष की उद्धव सेना- मनसे के बीच कांटे की टक्कर होने की उम्मीद जताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी और कांग्रेस अगले तीन से चार दिनों में उम्मीदवारों की अपनी सूची जारी कर सकती है।
इसके बाद चुनाव प्रबार शुरू हो जाएगा, बीजेपी ने शिंदे सेना के साथ मिलकर 150 सीटों पर चुनाव लड़ने का फिसला किया है। लेकिन बाकी बचे 77 सीटों को लेकर अब तक सहमति नहीं बन पाई है। बीजेपी लगातार बीएमसी में भ्रष्टाचार रोकने के लिए परिवर्तन और वंशवाद को खत्म करने की बात कर रही है, हाल ही में शहर के विभिन्न हिस्सों में पोस्टर लगाया गया था।
जिस पर लिखा गया था कि जो हिंदुत्व का नहीं हुआ। वह मराठी माणूस का कैसे होगा? इस पोस्टर वार में बिना उद्धव ठाकरे का नाम लिए उन पर निशाना साधा गया था, मनसे से गठबंधन करने के बाद उद्धव गुट ने मराठी व्यक्तियों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है। वहीं उत्तर भारतीयों के साथ मनसे द्वारा मारपीट किए जाने के बाद उद्धव गुट को हिंदी भाषी मतदाताओं से हाथ धोना पड़ सकता है।
जैसे जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता भी ग्राउंड स्तर पर एक्टिव हो गए हैं। शहर के विभिन्न इलाकों में कई कार्यकर्ता घर घर जाकर मतदाताओं से बातचीत कर उनकी समस्या सुन रहे हैं और अपने स्तर पर सुलझाने की कोशिश कर रहे है।
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वर्ष 2007 के मनपा चुनाव में बीजेपी को 28 सीटें ही हासिल हुई थी, जो वर्ष 2012 में बढ़कर 31 हो गई। वहीं वर्ष 2017 के चुनाव में बीजेपी ने छलांग लगाते हुए 82 सीटों पर जीत हासिल की थी। 2007 के चुनाव में कांग्रेस का दबदबा था। कांग्रेस को 75 सीटों पर जीत मिली थी और सकांपा ने 14 सीटों पर जीत हासिल की, लेकिन वर्ष 2012 में कांग्रेस का ग्राफ घटकर 52 हो गया और 2017 में कांग्रेस मात्र 31 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई।






