लीलावती अस्पताल (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र के मुंबई का फेमस अस्पतालों में से एक लीलावती अस्पताल अब खतरे में पड़ गया है। लीलावती अस्पताल के खिलाफ अब प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है, और करोड़ों रुपयों के गबन का आरोप भी लगाया गया है। लीलावती महाराष्ट्र की राजधानी स्थित लीलावती अस्पताल का संचालन करने वाले धर्मार्थ न्यास ने मंगलवार को आरोप लगाया कि उसके पूर्व न्यासियों (पूर्व ट्रस्टी) और अन्य संबंधित व्यक्तियों ने 1,500 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का गबन किया है।
लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट (एलकेएमएमटी) ने इस संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और बांद्रा पुलिस थाना में अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई हैं। शिकायत में यह भी दावा किया गया है कि अस्पताल परिसर में पूर्व न्यासियों और संबंधित व्यक्तियों द्वारा काला जादू भी किया गया था। शिकायतों में आरोप लगाया गया है कि लीलावती अस्पताल के वित्तीय अभिलेखों के ‘फोरेंसिक ऑडिट’ के दौरान उजागर हुई इस हेराफेरी ने न्यास के संचालन और बांद्रा क्षेत्र में स्थित प्रमुख निजी चिकित्सा सुविधा द्वारा प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित किया है।
एलकेएमएमटी के परमानेंट रेजीडेंट ट्रस्टी प्रशांत मेहता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने शिकायतें दर्ज कराई और बांद्रा मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के कारण यह प्राथमिकी में तब्दील की गईं। पूर्व न्यासियों और अन्य संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ तीन से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। इन व्यक्तियों के खिलाफ चौथी कार्यवाही अब मजिस्ट्रेट के समक्ष लंबित है, जो काले जादू और गुप्त प्रथाओं के लिए बांद्रा पुलिस थाना में दर्ज हमारी शिकायत पर आधारित है।”
उन्होंने बताया कि बांद्रा मजिस्ट्रेट अदालत ने इन्हीं व्यक्तियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। अस्पताल परिसर में किए जाने वाले काले जादू के अनुष्ठानों के बारे में मेहता ने कहा, ‘‘हमे मानव बाल और खोपड़ियों वाले सात से अधिक कलश मिले हैं।”
लीलावती अस्पताल के कार्यकारी निदेशक परमबीर सिंह ने कहा, “लीलावती अस्पताल का निर्माण वर्ष 1997 में हमारे दिवंगत ट्रस्टी किशोर मेहता और उनकी पत्नी चारु मेहता द्वारा पूरा किया गया था। लेकिन 2002 और उसके बाद किशोर मेहता के बीमार होने के दौरान उनके कुछ रिश्तेदारों, भाइयों और भतीजों ने अस्पताल का अवैध नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया और अगले 20 वर्षों तक अस्पताल का नियंत्रण उनके पास रहा। 20 वर्षों की इस अवधि में वे विभिन्न अनियमितताओं, अवैधताओं में लिप्त रहे। उन्होंने जालसाजी, धोखाधड़ी की और लगभग 1500 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि हड़प ली।”
#WATCH मुंबई: लीलावती अस्पताल के कार्यकारी निदेशक परमबीर सिंह ने कहा, "लीलावती अस्पताल का निर्माण वर्ष 1997 में हमारे दिवंगत ट्रस्टी किशोर मेहता और उनकी पत्नी चारु मेहता द्वारा पूरा किया गया था। लेकिन 2002 और उसके बाद किशोर मेहता के बीमार होने के दौरान उनके कुछ रिश्तेदारों,… pic.twitter.com/mVNnPR1Xps
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 11, 2025
महाराष्ट्र की अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
उन्होंने आगे बताया, “बांद्रा पुलिस स्टेशन ने 12 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और जालसाजी का एक मामला दर्ज किया है और जेएमएफसी अदालत संख्या 12 के निर्देश पर बांद्रा पुलिस स्टेशन ने दो और मामले दर्ज किए हैं। यह आशंका है कि यह सारा पैसा खरीद और शुल्क की आड़ में बनाया गया था और इसे हड़प लिया गया था। शायद पैसा देश से बाहर भी ले जाया गया। हमने हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय को पत्र लिखकर धन शोधन के इन मामलों का संज्ञान लेने और उनकी जांच शुरू करने को कहा है।”