बेस्ट ई-बस (सौ. सोशल मीडिया )
Mumbai News In Hindi: बेस्ट के बेड़े में हाल ही में शामिल की गई इलेक्ट्रिक बसो को उपनगरों की आंतरिक सड़कों पर की गई अवैध पार्किंग के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
नई इलेक्ट्रिक बसें 12 मीटर लंबी होने के कारण इन अवैध रूप से खड़ी गाड़ियों के बीच से बस चलाना ड्राइवरों के लिए चुनौती बनती जा रही है। इस संदर्भ में बेस्ट प्रशासन ने पुलिस और बीएमसी को पत्र लिखकर इन सड़कों से गैरकानूनी पार्किंग हटाने और रास्ते खाली करवाने की मांग की है।
मुंबईकरों को आरामदायक और ठंडी यात्रा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हाल ही में 150 नई इलेक्ट्रिक एसी बसों का लोकार्पण किया गया जिससे इलेक्ट्रिक बसों की संख्या में वृद्धि हुई है। ये बसें शहर की तुलना में पूर्वी और पश्चिमी उपनगरों में अधिक चल रही हैं।
इसी को ध्यान में रखते हुए पिछले सप्ताह बेस्ट ने 23 बस मागों में बदलाव किया। लेकिन नए मार्गों पर 12 मीटर लंबी इलेक्ट्रिक बस चलाना ड्राइवरों के लिए मुश्किल साबित हो रहा है।
उपनगरों की अधिकांश सड़कों पर दोनों ओर अवैध रूप से खड़ी निजी गाड़ियां यातायात में अड़चन पैदा कर रही हैं। इसके चलते आंतरिक सड़कों पर पहले से ही जाम की स्थिति रहती है।
इलेक्ट्रिक बसों के रखरखाव से जुड़ी चुनौती भी सामने आ रही है। 12 मीटर लंबी बस चलाते समय ड्राइवरों को अत्यधिक सतर्क रहना पड़ता है। सड़कों पर फेरीवालों के ठेले, फुटपाथ की कमी से सड़क पर चलने वाले पैदल यात्री और अवैध पार्किंग इन सबके बीच से बस निकालना बेहद कठिन हो जाता है। ऐसी स्थिति में यदि बस कहीं भी हल्के से छू जाए, तो 3,500 से 5,000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ता है। चालकों में इस दंडात्मक कार्रवाई का हमेशा डर बना रहता है।
लंबी इलेक्ट्रिक बसों को मोड़ते समय ड्राइवरों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है, और कई बार मोड़ पर बस का पिछला हिस्सा दूसरी गाड़ी से टकराने का खतरा रहता है।
इसी पृष्ठभूमि में बेस्ट के विभिन्न आगारों से स्थानीय पुलिस थानों और बीएमसी वार्ड कार्यालयों को इस समस्या पर पत्र भेजे जा रहे हैं। बेस्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उपनगरों की आंतरिक सड़कों से अवैध पार्किंग और फेरीवालों का अतिक्रमण हटाने के लिए हमने पुलिस और बीएमसी से पत्राचार किया है।
नई इलेट्रिक बसों की लंबाई अधिक होने के कारण ड्राइवरों को गाड़ी चलाते समय विशेष सावधानी रखनी पड़ती है। इस समस्या के समाधान के लिए नीति-स्तर पर निर्णय लेना आवश्यक है।
बेस्ट से सेवानिवृत्त हुए 4,500 से अधिक कर्मचारियों के बकाया भुगतान का मुद्दा अब तक अनसुलझा है। सरकार की निष्क्रयता को इसका प्रमुख कारण बताते हुए मंगलवार को एक सेवानिवृत्त कर्मचारी ने बेस्ट मुख्यालय ‘इलेक्ट्रिक हाउस’ के गेट पर अनोखा आंदोलन किया। उन्होंने एक तख्ती पर लिखा कि हमारे स्वर्गवासी होने के बाद बकाया राशि स्वर्ग में लाकर देंगे क्या। इस मार्मिक संदेश के माध्यम से उन्होंने सरकार और बेस्ट प्रशासन से सवाल किया।
ये भी पढ़ें :- Mumbai Metro: चार साल बाद झुकी MMRDA, रद्द की उत्तन-डोंगरी मेट्रो-9 डिपो योजना
पिछले तीन वर्षों में बेस्ट से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों की ग्रेच्युटी, कोविड भत्ता, पीएफ और अन्य अंतिम देयक अब तक रोके गए हैं। बार-बार पत्राचार और कार्यालयों के चक्कर लगाने के बावजूद प्रशासन ने उनकी कोई दखल नहीं ली। इसी पृष्ठभूमि में, सरकार और बेस्ट प्रशासन के असंवेदनशील रवैये के विरोध में सेवानिवृत्त कर्मचारी दीपक जुवाटकर ने मंगलवार को यह प्रतीकात्मक आंदोलन किया।