बैंक ऑफ इंडिया में करोड़ो का घोटाला
Bank of India Fraud: बैंक ऑफ इंडिया का एक निलंबित अधिकारी करोड़ों के घोटाले में फंस गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक ऑफ इंडिया के अफसर हितेश कुमार सिंगला को मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप में गिरफ्तार किया। जांच में सामने आया कि सिंगला ने बैंक की चार शाखाओं में फैले 127 खातों से करीब 8.27 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है।
इन खातों में वरिष्ठ नागरिकों, नाबालिगों, मृतक और निष्क्रिय खाताधारकों के नाम शामिल थे। यानी जिन खातों में लोगों का ध्यान नहीं था, उन्हीं को निशाना बनाकर सिंगला ने भारी गबन किया। ईडी का कहना है कि सिंगला ने इस रकम को शेयर बाजार में निवेश किया, लेकिन फिलहाल उसके डीमैट अकाउंट में कोई शेयर नहीं मिला है। इससे शक गहराया है कि रकम और भी ज्यादा हो सकती है और उसे कहीं और खपाया गया होगा।
ईडी की पूछताछ में आरोपी ने अपराध कबूल कर लिया है। सिंगला ने माना कि उसने बैंक के नियम और प्रक्रियाओं को दरकिनार करके खातों को बंद किया और रकम ट्रांसफर की। उसने यह भी स्वीकार किया कि कई लेनदेन बिना अन्य अधिकारियों की अनुमति या सत्यापन के किए गए।
ईडी का कहना है कि यह सिर्फ 8.27 करोड़ रुपये का मामला नहीं है, बल्कि असल गबन इससे कहीं बड़ा हो सकता है। कई संदिग्ध खातों की जांच अभी जारी है। माना जा रहा है कि आरोपी ने बैंकिंग सिस्टम का गलत फायदा उठाकर लंबे समय तक धोखाधड़ी की।
इस मामले में मुंबई की विशेष पीएमएलए अदालत ने सिंगला को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अदालत ने ईडी को आरोपी से और पूछताछ करने की इजाजत दी है ताकि पूरे घोटाले की परतें खोली जा सकें।
ईडी सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल यह जांच सिर्फ एक बैंक तक सीमित है, लेकिन शक है कि आरोपी ने अन्य खातों और शाखाओं में भी इसी तरह की हेराफेरी की हो। अगर ऐसा होता है तो घोटाले की रकम और भी बड़ी हो सकती है।
बैंकिंग सेक्टर में इस खुलासे ने हलचल मचा दी है। वरिष्ठ नागरिकों और मृतक खाताधारकों के खातों से पैसे उड़ाने का मामला बेहद गंभीर माना जा रहा है। ईडी का दावा है कि यह केस बैंकिंग सिस्टम में सुरक्षा और मॉनिटरिंग पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
बैंक ऑफ इंडिया के सस्पेंड अफसर हितेश सिंगला को ईडी ने 8.27 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग में गिरफ्तार किया। उसने 127 खातों से रकम उड़ाई और अब 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।