महाराष्ट्र स्कूल (pic credit; social media)
Alumni associations in schools: महाराष्ट्र सरकार ने सभी स्कूलों में पूर्व छात्र संघ (एलुमनाई एसोसिएशन) बनाने का बड़ा निर्देश जारी किया है, ताकि पूर्व छात्र अपने पुराने स्कूलों के विकास में सक्रिय भूमिका निभा सकें। शासनादेश एक अक्टूबर को जारी किया गया और इसमें स्पष्ट किया गया है कि यह जिला परिषद, नगर निगम और सहायता प्राप्त निजी स्कूलों सहित सभी सरकारी एवं सहायता प्राप्त स्कूलों पर लागू होगा।
अब पहली से बारहवीं कक्षा तक के प्रत्येक विद्यालय में एक एलुमनाई एसोसिएशन होगा। इसमें पूर्व छात्र सदस्य, प्रधानाचार्य, एक शिक्षक, एक अभिभावक प्रतिनिधि और शिक्षा विभाग का अधिकारी शामिल होंगे। इन संघों का उद्देश्य स्कूलों के शैक्षणिक, बुनियादी ढांचा, सांस्कृतिक और सामाजिक विकास में योगदान देना होगा।
सरकारी शासनादेश के अनुसार, एलुमनाई एसोसिएशन को पुस्तकालय, प्रयोगशाला, स्वच्छता सुविधाएं और डिजिटल संसाधनों के उन्नयन में मदद करनी होगी। इसके अलावा वे विशेषज्ञ व्याख्यान, प्रतियोगिताएं और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मार्गदर्शन सत्र भी आयोजित करेंगे। खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियों और डिजिटल साक्षरता के कार्यक्रमों में भी उनका सहयोग अनिवार्य होगा।
हर एलुमनाई एसोसिएशन को सालाना कम से कम दो बैठकें करनी होंगी। ये बैठकें ऑनलाइन या ऑफलाइन आयोजित की जा सकती हैं, ताकि सभी सदस्य आसानी से भाग ले सकें। अधिकारियों का कहना है कि पूर्व छात्रों की सक्रिय भागीदारी से स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी और विद्यार्थियों को बेहतर मार्गदर्शन मिलेगा।
शासनादेश में यह भी कहा गया है कि एलुमनाई एसोसिएशन स्कूलों के साथ नियमित संपर्क बनाए रखेगा और आवश्यक संसाधन जुटाने में मदद करेगा। इस पहल से न सिर्फ स्कूलों का बुनियादी ढांचा सुधरेगा, बल्कि विद्यार्थियों की शैक्षणिक प्रगति और कौशल विकास में भी मदद मिलेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि पूर्व छात्रों की भागीदारी से स्कूलों में जिम्मेदारी और पारदर्शिता बढ़ेगी। इसके साथ ही सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। सरकार की यह पहल राज्य में शिक्षा क्षेत्र में बदलाव और स्कूलों के दीर्घकालिक विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।