डॉ. ई. मोसेस रोड से वर्ली पुल योजना रद्द (pic credit; social media)
Mumbai Municipal Corporation Project: मुंबई मनपा ने एक बार फिर अपने महंगे और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को रोक दिया है, जिससे शहरवासियों और विशेषज्ञों के बीच सवाल खड़े हो गए हैं। डॉ. ई मोसेस रोड से वर्ली के सात रास्ता (महालक्ष्मी) तक बनने वाला ब्रिज अब रद्द कर दिया गया है। मनपा ने यह निर्णय लिया क्योंकि इस प्रोजेक्ट के लिए पुनर्वसन की लागत पुल निर्माण से दोगुनी थी।
यह योजना 500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले दो पुलों के प्रोजेक्ट का हिस्सा थी। मनपा ने कहा कि केसावराव खाडये रोड से सात रास्ता तक पुल का निर्माण जारी रहेगा, लेकिन डॉ. ई मोसेस रोड से बनने वाला ब्रिज व्यावहारिक कारणों से रद्द किया गया। अधिकारियों के अनुसार, इस मार्ग में कई आवासीय, वाणिज्यिक और धार्मिक ढांचे थे। इसके अलावा धोबी घाट भी प्रभावित होता।
पहला पुल केसावराव खाडये रोड से सात रास्ता रेलवे ट्रैक पार कर डॉ. ई मोसेस रोड तक 803 मीटर लंबा और चार लेन का होगा। वहीं, डॉ. ई मोसेस रोड से प्रस्तावित पुल 639 मीटर लंबा और चार लेन का था। मनपा के अनुमानों के मुताबिक, इन संरचनाओं को हटाने और पुनर्वसन करने में 235 करोड़ रुपये खर्च आना था, जबकि पुल निर्माण की लागत केवल 118 करोड़ रुपये थी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “विकल्पों में झुग्गीवासियों और धोबी घाट का पुनर्वसन शामिल था, लेकिन यह व्यावहारिक नहीं लगा। इसलिए हमने इस पुल की योजना रद्द कर दी।”
इसी तरह मनपा ने 2021 में शुरू की गई फूड ट्रक नीति को भी निलंबित कर दिया है। नीति को लागू करने में प्रशासनिक और व्यावहारिक अड़चनें आईं और कोई भी प्रस्ताव सफल नहीं हो पाया। अब एक नई समिति बनाई जाएगी, जिसमें परिवहन, FSSAI, अग्नि विभाग, सड़क योजना, सार्वजनिक स्वास्थ्य और आईटी विभाग के सदस्य शामिल होंगे। समिति एक संगठित और स्वास्थ्य अनुकूल नीति तैयार करेगी।
फूड ट्रक नीति के अंतर्गत शहर में कुल 50 स्थानों पर अनुमति देने का प्रावधान था। ट्रकों को रेस्तरां से कम से कम 200 फीट की दूरी पर रखा जाना था और दो ट्रकों के बीच 15 फीट की दूरी जरूरी थी।
मनपा के फैसलों ने कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर सवाल खड़ा कर दिया है और शहरवासियों में निराशा बढ़ा दी है।