खतरनाक इमारतों के लिए क्लस्टर योजना (pic credit; social media)
Maharashtra News: विरार में हाल ही में हुए भवन हादसे के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। शहर में अवैध और जर्जर इमारतों की समस्या लंबे समय से गंभीर बनी हुई थी, लेकिन विजयनगर स्थित रमाश्रय अपार्टमेंट के ढहने की घटना ने इस मुद्दे को और गहराई से उजागर कर दिया। इस हादसे में 17 लोगों की मौत हो गई और कई परिवार बेघर हो गए। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में भय और आक्रोश का माहौल है।
नगर निगम ने खतरनाक इमारतों से निपटने के लिए क्लस्टर पुनर्विकास योजना को गति देने का फैसला किया है। इस योजना के तहत पुरानी और जर्जर इमारतों को गिराकर उनकी जगह आधुनिक और सुरक्षित इमारतों का निर्माण किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि मरम्मत और रखरखाव की कमी से इमारतें लगातार कमजोर हो रही हैं, जिससे हादसों की संभावना बढ़ रही है।
नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में वर्तमान में 141 खतरनाक इमारतें चिन्हित की गई हैं। हालांकि, पुनर्विकास प्रक्रिया में मूल मालिकों और डेवलपर्स के बीच विवाद जैसी बाधाएं सामने आती रही हैं। कई नागरिक अपने घर खाली करने में भी हिचकिचा रहे हैं। इस समस्या के समाधान के लिए मनपा ने प्रभावित परिवारों के अधिकार सुरक्षित रखने की दिशा में कदम उठाया है। हाल ही में नगर आयुक्त सरोज कुमार सूर्यवंशी ने हादसे में बेघर हुए 27 परिवारों को अधिभोग प्रमाण पत्र (Occupation Certificate) वितरित किए।
मनपा की योजना है कि पुनर्विकास का विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजा जाए। इसके साथ ही, पहले जिन 40 स्थानों का सर्वेक्षण किया गया था, वहां भी प्रक्रिया तेज की जाएगी। ठाणे और मीरा-भायंदर की तर्ज पर वसई-विरार मनपा भी समूह पुनर्विकास को प्राथमिकता दे रही है।
स्थानीय नागरिकों का मानना है कि यदि पुनर्विकास योजना समय पर लागू की जाती है तो भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सकेगा और शहर को सुरक्षित बनाया जा सकेगा। हादसे के बाद उम्मीद की जा रही है कि अब प्रशासन केवल कागजों तक सीमित न रहकर ठोस कार्रवाई करेगा।