आदित्य ठाकरे (Image- IANS)
Mumbai News: शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) पार्टी के नेता व विधायक आदित्य ठाकरे ने चुनाव आयोग पर मंगलवार को एक बार फिर से तीखा हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया है कि मतदाता सूची में धांधली और दोहरे-तिहरे मतदाताओं के मामले सामने आने के बावजूद राज्य चुनाव आयोग ने इस दिशा में अब तक कोई कदम नहीं उठाया है. चुनाव आयोग से महाविकास आघाड़ी (मविआ) दोहरे मतदाताओं और मतदाता सूची में गड़बड़ी की शिकायत कर रही है. लेकिन इसके बाद भी आयोग की ओर से कोई जवाब न मिल रहा है इससे विपक्ष चिंतित है.
आदित्य ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों, मीडिया और नागरिकों द्वारा मतदाता सूची में घोटाले को उजागर करने के बावजूद, राज्य चुनाव आयोग ने आज तक इस मामले में एक भी कदम आगे नहीं बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि मैंने खुद मांग की थी कि सुझाव/आपत्तियां दर्ज करने की अवधि को 7 दिन से बढ़ाकर 21 दिन किया जाए और उनकी आपत्तियों को थोक (बल्क) में स्वीकार किया जाए, लेकिन आयोग ने इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की. उन्होंने आरोप लगाया कि लाखों की संख्या में मतदाताओं के नाम दो बार-तीन बार दर्ज हैं. फर्जी घरों का पंजीकरण किया गया है. एपिक (ईपीआईसी) नंबर (वोटर आईडी नंबर) के बिना पहचान पत्रों की संख्या बहुत अधिक है. कई मतदाता पहचान पत्रों पर फोटो, नाम, पता या एपिक नंबर मौजूद ही नहीं है.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आदित्य ने आरोप लगाया था कि सत्ताधारी पार्टी को लाभ पहुंचाने के लिए मतदाता सूची में साजिश के तहत और योजनाबद्ध तरीके से गड़बड़ी की गई है. उन्होंने सवाल उठाया कि मतदाता सूची की ये गलतियां प्रशासनिक चूक हैं या कोई गंभीर साजिश. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि चुनाव आयोग ने सुझाव / आपत्तियां दर्ज करने के दिन नहीं बढ़ाए और हमारी आपत्तियों की जांच कर उन्हें स्वीकार नहीं किया, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि बीजेपी और चुनाव आयोग दोनों ने मिलकर चुनाव फिक्सिंग की है.
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उन्होंने साफ तौर पर कहा कि चुनाव आयोग अब एक सर्कस बन गया है और यह भारत में पारदर्शी व निष्पक्ष चुनाव कराने वाली एक तटस्थ संस्था नहीं रह गई है. उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए घातक बताते हुए कहा कि जानबूझकर मतदाता सूची में बदलाव करना चुनाव प्रक्रिया का दुरुपयोग है और यह लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव को हिलाने का प्रयास है. यह देश द्रोह है.