देवेंद्र फडणवीस-मनीषा कायंदे-अबू आजमी-नितेश राणे (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र प्रदेश समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अबू आजमी अपने विवादित बयानों के कारण विवादों के घेरे में आ गए है। पिछले बजट सत्र (3 मार्च 2025 से 26 मार्च 2025) से पहले मुगल बादशाह औरंगजेब की शान में कसीदे पढ़ने के कारण से वे पूरे बजट सत्र से सस्पेंड हो गए थे। अब अबू आजमी आषाढ़ी एकादशी पर निकलने वाली वारकरियों की वारी यात्रा पर ऐतराज जता कर बुरे फंस गए हैं।
वारी वाले बयान की वजह से उन्हें 30 जून से शुरू होनेवाले महाराष्ट्र विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान एक बार फिर से विरोधों का सामना करना पड़ सकता है। फिलहाल राज्य में आजमी का चौतरफा विरोध शुरू हो गया है। यहां तक कि अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने आजमी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की चेतावनी दे दी है।
देहू और आलंदी शहरों में स्थित दो महान संतों (संत तुकाराम महाराज और संत ज्ञानेश्वर महाराज) के घर से शुरू होनवाली भगवान विट्ठल के भक्तों की वारी (तीर्थ यात्रा) का समापन आषाढ़ी एकादशी के शुभ दिन भगवान विट्ठल के पवित्र शहर पंढरपुर में होता है। आजमी ने रविवार को कहा था कि वारी के कारण ट्रैफिक जाम होता है लेकिन कभी किसी मुसलमान ने इसकी शिकायत नहीं कि जबकि मस्जिदों में भीड़ होने पर मुसलमान 5-10 मिनट सड़कों पर नमाज पढ़ते हैं तो लोग इसका विरोध करते हैं। इतना ही नहीं राज्य के प्राथमिक स्कूलों में हिंदी पढ़ाए जाने के विरोध को उन्होंने फालतू का बवाल कहा था।
उन्होंने सोमवार को अपनी बात को सही ठहराते हुए फिर कहा कि मैं हिंदू त्योहारों का स्वागत करने के लिए तैयार हूं, लेकिन यदि जगह की कमी के कारण मुसलमान 10 मिनट के लिए सड़क पर नमाज पढ़ते हैं, तो नाराजगी होती है। मराठी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मैं मराठी की इज्जत करता हूं। मराठी का सम्मान होना चाहिए लेकिन हिंदी का अपमान नहीं। उन्होंने मनसे नेताओं कार्यकर्ताओं को छुटभैए नेता कहते हुए कहा कि वो बेवजह झगड़ा खड़ा करने की कोशिश करते हैं, ताकि कुछ वोट मिल जाएं।
आजमी प्रचार पाने के लिए ऐसी टिप्पणियां करते हैं। मैं उन पर ध्यान नहीं देना चाहता।
हमारा महाकुंभ, हमारी वारी शुरू होती है, तो इन्हें इस पर आपत्ति होती है। हमारी वारी साल भर नहीं चलती, लेकिन हर शुक्रवार को बड़ी संख्या में लोग नमाज अदा करते हैं। हम इसे यहां बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर हम कल हज यात्रा पर सवाल उठाएंगे, तो क्या सही होगा? किसी को भी वारी के बारे में बात करने का दुस्साहस नहीं दिखाना चाहिए।
उन्हें इस तरह के भड़काऊ बयान देने की आदत है। जब भी हिंदू त्यौहार आते हैं, तो वह इस तरह की निराधार टिप्पणियां करते हैं। यह हमारे पुलिस बल को कम आंकने को भी दर्शाता है।
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अबू आजमी का बयान अनुचित एवं दो समुदायों के बीच दरार पैदा करनेवाला है। हम अबू आजमी को उनके बयान के संबंध में धारा 10 के तहत नोटिस जारी करेंगे। इसके अलावा, यदि आवश्यक हुआ तो हम उन्हें आयोग के समक्ष उपस्थित होकर जवाब देने को कहेंगे। इतना ही नहीं यदि आजमी के इस बयान की वजह से महाराष्ट्र में कहीं भी दंगा भड़कता है, तो उनके खिलाफ नजदीकी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया जाएगा।
अपनी सफाई में पंढरपुर वारी पालकी यात्रा को लेकर अपनी टिप्पणी पर समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अबू आज़मी ने कहा, “मैं कभी भी किसी धर्म के खिलाफ कोई आपत्तिजनक बयान नहीं दे सकता। अगर मेरे शब्दों को गलत तरीके से पेश किया गया है या तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, तो इसमें मेरी कोई गलती नहीं है।”