मुंबई झोपड़पट्टियों में 7500 दुकानें (pic credit; social media)
Commercial Shops in Slums: मुंबई मनपा ने इस वित्त वर्ष में झोपड़पट्टी क्षेत्रों में स्थित कमर्शियल प्रतिष्ठानों पर संपत्ति कर लगाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। मनपा ने भरोसा जताया है कि इस कदम से उसकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
बजट में घोषित इस योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष के पहले चार महीनों में 7 हजार से अधिक प्रतिष्ठानों को संपत्ति कर के बिल जारी किए गए हैं। कुल राशि लगभग 18.91 करोड़ रुपये है। यह पहली बार है जब झोपड़पट्टी क्षेत्रों में चल रहे कमर्शियल इकाइयों पर संपत्ति कर लगाया गया है।
कर के दायरे में आने वाले प्रतिष्ठानों में दुकानें, गोदाम, वेयरहाउस, भंडारण केंद्र और गैराज शामिल हैं। मनपा की वित्तीय क्षमता मजबूत करने के लिए आयुक्त एवं राज्य-नियुक्त प्रशासक भूषण गगरानी ने फरवरी में घोषणा की थी कि झोपड़पट्टी क्षेत्रों की कमर्शियल संपत्तियों को वित्त वर्ष 2024-25 से संपत्ति कर के दायरे में लाया जाएगा।
मनपा के आंकड़ों के अनुसार 20 सितंबर तक शहर में 7478 संपत्तियों की पहचान की गई, जिनमें से 6956 को नोटिस भेजा गया। इसमें लगभग 2183 प्रतिष्ठानों ने नोटिस का जवाब दिया और मनपा को अपनी जानकारी सौंपी है।
पूर्वी उपनगर में सबसे अधिक 3693 संपत्तियां चिन्हित हुई हैं, पश्चिमी उपनगरों में 2371 और मुख्य शहर में 1414 संपत्तियों को चिन्हित किया गया। प्रारंभिक अनुमान है कि इन इकाइयों पर संपत्ति कर लगाने से कम से कम 700 से 800 करोड़ रुपये की आय हो सकती है।
संपत्ति कर लगाने का मतलब यह नहीं है कि अवैध भवन वैध हो जाएगा। मनपा के एक अधिकारी ने बताया कि अधिनियम की धारा 152 (ए) के तहत किसी अवैध रूप से बने भवन पर कर या दंड लगाने से उसे कानूनी मान्यता नहीं मिलती।
सर्वेक्षण अभी जारी है और वर्ष के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद दिसंबर से कर की रसीदें जारी की जाएंगी और संपत्ति मालिकों को बिल चुकाना होगा।
क्षेत्र | चिन्हित संपत्तियां | नोटिस भेजे गए |
---|---|---|
मुख्य शहर | 1414 | 1055 |
पूर्वी उपनगर | 3693 | 3619 |
पश्चिमी उपनगर | 2371 | 2282 |
कुल | 7478 | 6956 |