मुंबई का एल्फिंस्टन ब्रिज बंद (pic credit; social media)
Mumbai Elphinstone Bridge Closed: मुंबई का 125 साल पुराना एलफिन्स्टन पुल, जो परेल और प्रभादेवी को जोड़ने का अहम मार्ग था, शुक्रवार आधी रात से हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है। मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने पुल को तोड़कर यहां नया एलफिन्स्टन फ्लाईओवर और शिवड़ी-कलीं कनेक्टर बनाने की योजना तैयार की है। पुल बंद होते ही मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने वैकल्पिक मार्ग जारी कर सख्त यातायात व्यवस्था लागू कर दी है, लेकिन इसका सीधा असर आम यात्रियों और एसटी बस सेवाओं पर पड़ा है।
परेल डिपो से चलने वाली सामान्य और शिवनेरी बसों के मार्ग बदल दिए गए हैं। अब बसों को मदके बुध चौक, डॉ. आंबेडकर रोड, सुथरी बाम जंक्शन और विवेकानंद ब्रिज होकर जाना होगा। इस बदलाव से दादर-परेल की दूरी 6 किलोमीटर से बढ़कर 6.2 किलोमीटर और दादर-पुणे मार्ग 2.6 किलोमीटर लंबा हो गया है। रोजाना 194 एसटी बस फेरे प्रभावित होंगे, जिनमें 48 नॉन-एसी और 49 एसी बसें शामिल हैं। यात्रियों को अब प्रति सफर करीब ₹10 अतिरिक्त किराया देना होगा।
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परेल और प्रभादेवी का इलाका केवल व्यावसायिक केंद्र नहीं, बल्कि टाटा मेमोरियल और केईएम जैसे बड़े अस्पतालों का हब है। पुल बंद होने से मरीजों और एम्बुलेंस की आवाजाही प्रभावित होगी। एमएमआरडीए ने दावा किया है कि प्रभादेवी और परेल स्टेशनों पर दो एम्बुलेंस और व्हीलचेयर तैनात की गई हैं, लेकिन भीड़भाड़ और रास्ते बढ़ने से आपात स्थिति में बड़ी परेशानी खड़ी होगी।
प्राधिकरण का कहना है कि परियोजना में बदलाव कर 19 में से 17 इमारतों को प्रभावित होने से बचा लिया गया है। केवल हाजी नूरानी चाल और लक्ष्मी निवास चाल के 83 परिवारों को स्थानांतरित किया जाएगा। इस बदलाव से करीब ₹5,200 करोड़ की बचत होगी। बावजूद इसके, स्थानीय लोग और दुकानदार असुरक्षा महसूस कर रहे हैं। 100 साल पुरानी कई इमारतें पुल के करीब हैं, जिनके पुनर्विकास पर असर पड़ सकता है। वहीं दुकानदारों का कहना है कि फुटफॉल कम होने से उनकी आय घटेगी।
दादर पूर्व-पश्चिम जाने वाले वाहनों को अब तिलक पुल का उपयोग करना होगा, जबकि प्रभादेवी और भायखला से सी-लिंक जाने वाले वाहनों के लिए चिंचपोकली पुल तय किया गया है। करी रोड ब्रिज को अलग-अलग समय पर वन-वे घोषित किया गया है। साथ ही कई सड़कों को नो-पार्किंग जोन बना दिया गया है।
आम यात्रियों का कहना है कि सुविधा के नाम पर बोझ बढ़ा है। रोजाना लाखों लोगों की जेब पर असर पड़ेगा और समय भी ज्यादा लगेगा। लिहाजा, पुल बंद होने का सीधा खामियाजा मुंबईकरों को झेलना पड़ रहा है।