मुंबई पुलिस (सोर्स: सोशल मीडिया)
Mumbai Police Transfer Delay: महाराष्ट्र में अब बीएमसी चुनाव निकट हैं। लेकिन मुंबई के कई पुलिस थानों में तैनात बैच क्रमांक 118,119,120 आदि के पुलिस सब-इंस्पेक्टर (PSI) और असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर (API) का पिछले करीब चार वर्षों से कोई तबादल नहीं हुआ है। ये पुलिस अधिकारी एक ही थाने में लगाता ड्यूटी दे रहे हैं।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि दो वर्ष (या सामान्यतः तीन वर्ष) से अधिक समय से एक स्थान पर तैनात अधिकारियों का स्थानांतरण अनिवार्य है क्योंकि लंबे समय से एक ही स्थान पर तैनात अधिकारी पक्षपातपूर्ण हो सकते हैं।
वर्ष 2024 में संपन्न लोकसभा और विधानसभा चुनावों के समय पुलिस इंस्पेक्टर से पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) रैंक तक के अधिकारियों के तबादले किए गए, लेकिन सब-इंस्पेक्टर स्तर पर यह प्रक्रिया पूरी तरह ठप पड़ी हुई है।
गौरतलब है कि राज्य के कई शहरों और जिलों में पहले ही आचार संहिता (मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट) लागू हो चुकी है, और मुंबई में भी जल्द लागू होने वाली है। ऐसे में सवाल उठता है। क्या मुंबई पुलिस चुनाव आयोग के आदेश का इंतजार कर रही है। या फटकार लगने के बाद ही अधिकारियों का ट्रांसफर होगा?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, डीजीपी स्तर पर महकमे ने पहले ही ट्रांसफर लिस्ट जारी की है। लेकिन पीएसआई को शामिल करने में काफी विलंब हो रहा है।
अक्टूबर 2024 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर पुलिस विभाग में तबादले किए थे। इस दौरान 260 से अधिक पुलिस अधिकारियों को स्थानांतरित किया गया था, जिनमें से करीब 150 अधिकारी मुंबई से थे। यह तबादला प्रक्रिया प्रशासनिक स्तर पर एक अहम कदम माना गया था ताकि चुनाव से पहले कानून-व्यवस्था पर नियंत्रण मजबूत किया जा सके।
वहीं दूसरी ओर, मुंबई के सबसे प्रदूषित इलाकों गोवंडी के देवनार डंपिंग ग्राउंड, एसएमएस कंपनी, सीमेंट फैक्ट्री और देवनार स्लॉटर हाउस के आसपास तैनात पुलिसकर्मियों की स्थिति अब भी जस की तस बनी हुई है।
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देवनार, शिवाजी नगर और मानखुर्द पुलिस स्टेशनों में कार्यरत कई सब-इंस्पेक्टर चार साल से अधिक समय से अपने तबादले का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी अर्जी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
इस देरी के कारण इन क्षेत्रों में तैनात पुलिसकर्मियों और अधिकारियों का स्वास्थ्य गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है। लगातार प्रदूषण के संपर्क में रहने से कई पुलिसकर्मी श्वसन संबंधी बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की चपेट में आ रहे है।
पुलिसकर्मियों का कहना है कि लंबे समय तक प्रदूषित क्षेत्रों मैं ड्यूटी करने से उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है, जिसका खामियाजा उनके परिवार को भी भुगतना पड़ रहा है।