पूर्व मंत्री नवाब मलिक (pic credit; social media)
Maharashtra News: महाराष्ट्र में लगातार हो रही बारिश ने कहर बरपाया है। पिछले 48 घंटों में अलग-अलग जिलों से बारिश से जुड़ी घटनाओं में 12 लोगों की मौत हो चुकी है। कई नदियां उफान पर हैं और निचले इलाकों में पानी भर गया है। इस हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि “अगले 48 घंटे बेहद अहम हैं”, इसलिए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट पर है और बचाव दलों को तैनात कर दिया गया है। राज्य सरकार ने सभी जिलों में राहत एवं बचाव कार्य तेज करने के आदेश दिए हैं।
इसी बीच, महाराष्ट्र की राजनीति भी तेज हो गई है। अक्टूबर में संभावित मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव की आहट के बीच महायुति (NDA गठबंधन) और विपक्षी दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP–अजित गुट) ने भी चुनावी मोर्चेबंदी तेज कर दी है।
राकां (अजित पवार गुट) की मुंबई चुनाव प्रबंधन समिति की दूसरी बैठक बुधवार को मुंबई प्रदेश कार्यालय में हुई, जिसमें पूर्व मंत्री नवाब मलिक ने नेतृत्व किया। उन्हें चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। बैठक में नवाब मलिक ने पार्टी नेताओं और विभिन्न सेल के पदाधिकारियों को जीत सुनिश्चित करने के लिए अहम दिशा-निर्देश दिए।
इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। इसमें मुंबई कार्याध्यक्ष सिद्धार्थ कांबले, शिवाजीराव नलावडे, विधायक सना मलिक-शेख, पूर्व विधायक जीशान सिद्दीकी, प्रदेश उपाध्यक्ष भास्कर विचारे, प्रदेश प्रवक्ता संजय तटकरे और मुंबई सरचिटणीस राजू घुगे शामिल थे। इसके अलावा महिला, विद्यार्थी, ओबीसी, सामाजिक न्याय, सहकार, अल्पसंख्यक और झोपड़पट्टी सेल के प्रमुखों ने भी भाग लिया।
नवाब मलिक ने विशेष रूप से कहा कि “मुंबई मनपा चुनाव राज्य की राजनीति में सबसे अहम है। हमें हर स्तर पर बूथ और जनता तक पहुंचकर काम करना होगा।” उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को संगठित होकर चुनाव प्रचार और लोगों से जुड़ने के निर्देश दिए।
गौरतलब है कि मुंबई मनपा पर पिछले तीन दशकों से शिवसेना का दबदबा रहा है। हालांकि इस बार शिवसेना के दो धड़ों (उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे) में बंटवारे के बाद चुनाव बेहद दिलचस्प होने जा रहा है। ऐसे में बीजेपी, शिंदे गुट और अजित पवार गुट की महायुति भी पूरी तैयारी में है। वहीं, कांग्रेस और उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना भी मोर्चा संभाल चुकी है।
इस तरह, एक ओर जहां महाराष्ट्र भारी बारिश और बाढ़ जैसी चुनौती से जूझ रहा है, वहीं दूसरी ओर मुंबई का मनपा चुनाव राजनीतिक दलों के लिए बड़ी परीक्षा साबित होने वाला है।