प्रेस कॉन्फ्रेंस में सांसद वर्षा गायकवाड़
मुंबई: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्ववाली महायुति सरकार के शासनकाल में बीते तीन वर्षों में मुंबई में मनपा और एसआरए में बड़े पैमाने पर घोटाले हुए हैं। ऐसा आरोप मुंबई कांग्रेस की ओर से लगाया गया है। मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष व सांसद वर्षा गायकवाड़ ने बुधवार को पार्टी के मुंबई प्रदेश कार्यालय राजीव गांधी भवन में आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में महायुति के शासनकाल में मुंबई में बीते तीन वर्षों में मनपा और एसआरए में हुए घोटालों की पोल खोल करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब पोलखोल का साप्ताहिक अभियान चलाएगी और बुधवार से अगले 4 महीनों तक हर सप्ताह एक घोटाले की पोल खोलेगी।
भाजपा गठबंधन सरकार भ्रष्टाचार में डूबी
राज्य में बीते करीब 3 वर्षों से महायुति की सरकार है और लगभग साढ़े तीन वर्षों से मुंबई महानगरपालिका (मनपा) के चुनाव भी नहीं हुए है। इस दौरान मनपा का प्रशासन का कामकाज राज्य सरकार के अंतर्गत प्रशासक के रूप में मनपा आयुक्त संचालित कर रहे हैं। सांसद गायकवाड़ ने आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा गठबंधन सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। टेंडर जारी करना और कमीशन वसूलना यही एकमात्र धंधा सरकार में चल रहा है।
सांसद गायकवाड़ ने कहा कि मुंबई में कई कामों में भ्रष्टाचार हुआ है। बुधवार को मनपा और एसआरए की मिली भगत से हुए घोटाले की पोल खोलते हुए उन्होंने मांग की कि अंधेरी (गांव) स्थित सीटीएस क्रमांक 207 पर चल रहे निर्माण कार्य को तुरंत रोका जाना चाहिए और स्वतंत्र जांच कराई जानी चाहिए। इसी तरह से जुहू लेन / बर्फीवाला रोड के पास 4497.10 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाले महत्वपूर्ण भूखंड के लेन-देन में 1200 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप उन्होंने लगाया।
मिलकर लूट रहे हैं अधिकारी एवं सत्ताधारी
वर्षा ने आरोप लगाया कि एसआरए और बीएमसी के अधिकारी और सत्ताधारी दलों के नेता मिलकर मुंबई को लूट रहे हैं। गरीब बस्तियों के लोगों के साथ अन्याय कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह हम एसआरए में बैठक के लिए गए थे लेकिन सीईओ महेंद्र कल्याणकर सत्ताधारी नेताओं के साथ बैठे थे। उनके पास गरीब लोगों के लिए समय नहीं है। मैंने मुंबई मनपा के आयुक्त, शहरी विकास विभाग और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अंधेरी (गांव) में सीटीएस क्रमांक 207 पर चल रहे निर्माण कार्य को तत्काल रोकने और स्वतंत्र जांच की मांग की है। जुहू लेन / बर्फीवाला रोड के पास 4497.10 वर्ग मीटर के एक महत्वपूर्ण भूखंड पर, दो परस्पर विरोधी पुनर्विकास योजनाएं, एसआरए और आश्रय योजना को मंजूरी दी गई है, जो कानून, नागरिक नीति और सार्वजनिक विश्वास का उल्लंघन है।
ये हैं सांसद के आरोप
सांसद वर्षा गायकवाड ने कहा कि वर्ष 2024 में डेवलपर को लाभ पहुंचाने की नियत से 85 झुग्गीवासियों को बिना वैकल्पिक व्यवस्था दिए अयोग्य घोषित कर बेदखल कर दिया गया। जबकि नियमत: ये सभी निवासी 2011 पुनर्वास योजना के अनुसार पात्र हैं। फिर 2025 में डेवलपर ने अवैध रूप से जमीन पर कब्जा कर लिया और अपने नाम का बोर्ड लगा दिया। आपने एसआरए की एनओसी रद्द किए बिना नए डेवलपर को क्यों नियुक्त किया और आश्रय योजना को मंजूरी दी? नए डेवलपर को नियुक्त करने से पहले झुग्गी अधिसूचना वापस क्यों नहीं ली गई? इस जगह पर रहने वाले निवासियों की पात्रता निर्धारित किए बिना, उनका पुनर्वास कहां किया जाएगा, इस बारे में कोई चर्चा किए बिना, बिना समझौता किए आपने आश्रय योजना को रद्द करने का फैसला कैसे किया? नगर निगम को इसका जवाब देना चाहिए।