प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
नागपुर: देश में हिंदी भाषा को लेकर चल रहे विवाद के बीच महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर राज्य की महायुति सरकार ने बड़ा फैसला किया है। महाराष्ट्र सरकार ने 13 सितंबर 2024 को आदेश जारी कर कक्षा 12वीं तक मराठी विषय अनिवार्य करने की घोषणा की है। इसके तहत आगामी सत्र 2025-26 से आदेश को अमल में लाने की मांग को लेकर कनिष्ठ महाविद्यालयीन मराठी विषय शिक्षक महासंघ की ओर से निवासी जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री और शालेय शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजा गया।
इसमें कहा गया है कि अनेक वर्षों की मांग के बाद सरकार ने 12वीं तक मराठी विषय को सभी संकायों के छात्रों के लिए अनिवार्य किया है। इससे मराठी विषय के शिक्षकों में उत्साह का संचार हुआ है।
अब तक कनिष्ठ महाविद्यालयों में मराठी विषय को सूचना तकनीकी और हिंदी विषय सहित अन्य विषयों का पर्याय दिया जाता रहा है। इससे मराठी विषय लेकर शिक्षा पूरी करने वाले छात्रों की संख्या में कमी आई है। यह मामला बेहद गंभीर है। इस पर विचार आवश्यक है।
मराठी भाषा नीति सिफारिश के कार्यान्वयन के बारे में सरकार ने 3 फरवरी 2025 को आदेश जारी किया है। यदि इस निर्णय को अमल में लाना है तो फिर शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से 12वीं तक मराठी विषय को सभी संकायों व सभी शिक्षा मंडलों की शासकीय व निजी व्यवस्थापन के स्कूलों में लागू करना अनिवार्य होगा। ऐसा करने पर ही आदेश का पालन हो सकेगा।
इस अवसर पर महासंघ प्राे. सुरेश नखाते, प्राे. सपन नेहरोत्रा, प्राेण् संजय तिजारे, नीता खोत, शालिनी तेलरांधे, सुधीर रायपुरकर, विजया दहिकर, गायत्री ताजणे, भारती दवणे, सतीश करपे और प्रकाश गोंडे आदि उपस्थित थे।
बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार ने राज्य में मराठी भाषा को बढ़ावा देने के लिए बड़ा निर्णय लेते हुए सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी और नगर निगम दफ्तरों में मराठी भाषा बोलना अनिवार्य कर दिया है।
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अब राज्य के सभी सरकारी दफ्तरों में मराठी में बोलने और काम करने के लिए साइन बोर्ड लगाए जाएंगे साथ ही सरकारी कंप्यूटरों में भी मराठी भाषा का कीबोर्ड अनिवार्य होगा। महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि अगले 25 वर्षों में मराठी को ज्ञान और रोजगार की भाषा के रूप में स्थापित करना सरकार का मुख्य उद्देश्य है।