छगन भुजबल और मनोज जरांगे (फाइल फोटो)
छत्रपति संभाजीनगर. मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल पर एक बार फिर निशाना साधा। उन्होंने सोमवार को भुजबल पर महाराष्ट्र में दंगा और मराठा-ओबीसी समुदाय के बीच खाई पैदा करने की मंशा से भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने मराठा समुदाय को भी सतर्क रहने को कहा है।
जरांगे ने यहां एक निजी अस्पताल से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा घोषणा की कि मराठा आरक्षण आंदोलन के लिये अगले कदम पर फैसला 13 जुलाई के बाद किया जाएगा। उन्होंने कहा, “मराठा समुदाय अब मुश्किल में है, जबकि मैं अकेला रह गया हूं। लेकिन मैं संघर्ष करूंगा और सुनिश्चित करूंगा कि मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में आरक्षण मिले।”
मनोज जरांगे का यह बयान ओबीसी नेताओं की भूख हड़ताल के बाद आरक्षण के मुद्दे पर बढ़ते तनाव के बीच आया है। ओबीसी नेताओं की भूख हड़ताल से विभिन्न पिछड़ा वर्ग के लोग लामबंद हुए और फिर सरकार को दखल देना पड़ा। सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण देने की मराठों की मांग से महाराष्ट्र में ध्रुवीकरण हो रहा है।
जरांगे उस प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे हैं, जिसमें सभी मराठों और उनके रक्त संबंधियों को कुनबी प्रमाणपत्र जारी किये जाने की मांग की जा रही है, ताकि वे ओबीसी आरक्षण के हकदार बन पायें। इस बीच, ओबीसी अपने वर्तमान आरक्षण को बचाने के लिए भुजबल के पीछे लामबंद हो रहे हैं।
जरांगे ने कहा, “छगन भुजबल ने पुणे में भड़काऊ बयान दिया है। भुजबल ने लाक्षणिक रूप से कहा कि ‘अपने जंग लगे हथियार को तैयार रखिए’, लेकिन उनके बयान से पता चलता है कि वह चाहते हैं कि महाराष्ट्र में दंगा हो, समुदायों में विभाजन हो। मैं मराठा समुदाय से सतर्क रहने की अपील करता हूं।”
उन्होंने कहा कि राज्य के मंत्री शंभुराज देसाई ने मराठा प्रदर्शनकारियों से 13 जुलाई तक इंतजार करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा, “हम 13 जुलाई के बाद अगली रणनीति तय करेंगे।” (एजेंसी एडिटेड)