महायुति की अर्थव्यवस्था बिगड़ी (pic credit; social media)
विधानसभा चुनाव में महायुति को ‘महा’जीत दिलाने वाली ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण’ (लाडली बहन) योजना का भार ढोने में अब महायुति सरकार का दम फूलने लगा है। सरकार ने अब तक दूसरी कई पुरानी योजनाओं पर कैंची चलाकर ‘लाडली’ की लाभार्थियों को पैसा देने का प्रयास किया है। लेकिन अब ये प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं।
सरकार ने लाडली के साथ शुरू की गई 4 योजनाओं को स्थाई तौर पर बंद करने का निर्णय लिया है। अर्थात एक ‘लाडली’ योजना महायुति सरकार की 4 दूसरी महत्वाकांक्षी योजनाओं को निगल गई है। तो वहीं कई अन्य योजनाओं का भविष्य भी अधर में लटका है।
लोकसभा चुनाव 2024 में महाराष्ट्र में बीजेपी नीत महायुति सरकार का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा था। इससे सूबे की एकनाथ शिंदे के नेतृत्ववाली महायुति सरकार पर विधानसभा चुनावी में चमत्कारी प्रदर्शन का दबाव बढ़ गया था। ऐसे में राज्य के तत्कालीन सीएम शिंदे ने मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार की लाडली बहन योजना की तर्ज पर महाराष्ट्र में महिला वोटरों पर फोकस करने का निर्णय लिया तो वहीं सहयोगी दलों की सलाह पर किसानों, युवाओं, बुजुर्गों सहित अन्य घटकों को जोड़ने के लिए विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने 10 लुभावनी योजनाओं की घोषणा की थी।
इसके परिणाम स्वरूप विधानसभा चुनाव में महायुति को ऐतिहासिक जीत तो मिल गई लेकिन चुनाव के बाद अस्तित्व में आई देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्ववाली महायुति सरकार के लिए गेम चेंजर लाडली योजना मुसीबत बन गई। सरकार पर आदिवासी व समाज कल्याण विभाग का पैसा लाडली को देने का आरोप लग चुका है।
इसके अलावा केंद्र सरकार से राज्य सरकार 1.36 लाख करोड़ रुपए का कर्ज भी उधार ले चुकी है। इसी पृष्ठभूमि में राज्य सरकार ने अब 10 में से चार योजनाओं, ‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन’, ‘मुख्यमंत्री वयोश्री’, ‘एक रुपए में फसल बीमा’ और ‘मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना‘ को अब स्थगित कर दिया है। वित्त विभाग के सूत्रों के हवाले से आई रिपोर्टों में दावा किया गया है कि चार योजनाओं पर ब्रेक लगाने से हर महीने सरकार के तीन से साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए बचेंगे।
वर्ष 2025-26 के लिए मुख्यमंत्री युवा कार्यक्रम योजना के तहत युवाओं का पंजीकरण बंद कर दिया गया है और वर्तमान प्रशिक्षुओं को जून-जुलाई का वजीफा नहीं मिला है। इसी तरह लड़कियों के लिए मुफ्त उच्च शिक्षा, नमो शेतकरी महासम्मान योजना, मोदी आवास योजना और ई-पिंक रिक्शा योजनाओं का भविष्य भी अधर में लटका है। तो वहीं सरकार लाडली का भार कम करने के लिए लाभार्थी महिलाओं की संख्या घटाने की कोशिश में जुटी है। इसके अलावा, सरकार ने बेमौसम और भारी बारिश से किसानों को होनेवाले नुकसान की भरपाई के लिए दोगुना मुआवजा देने का भी फैसला किया गया था। जो कि फिलहाल रद्द कर दिया गया है।
इसी तरह राज्य सरकार ने 2023 में मोदी आवास योजना के माध्यम से तीन साल में ‘ओबीसी’ के लिए दस लाख घर उपलब्ध कराने के लिए 12,000 करोड़ रुपए देने की घोषणा की थी, लेकिन अब ये घर केवल प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से ही स्वीकृत किए जा रहे हैं। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण योजना के तहत हर साल दस लाख युवाओं को वजीफा देने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन 2025-26 के लिए पंजीकरण शुरू नहीं हुआ है।
राकां शरद चंद्र पवार पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने लोकसभा में दावा किया कि लाडली बहन योजना में 4,800 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। इस पर विपक्ष आक्रामक होकर सवाल पूछने लगा कि घोटालेबाज कौन हैं? तो वहीं राज्य की महायुति सरकार की जांच में पता चला है कि लगभग 26 लाख 34 हजार फर्जी लाडली बहनों ने योजना का लाभ लिया है। इनमें सेवानिवृत्त सरकारी महिला कर्मचारियों सहित हजारों पुरुष भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ऐसे लाभार्थियों से वसूली करने और योजना के अपात्र लाभार्थियों के सत्यापन का काम जारी रखने का आदेश दिया है।