देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे व अजित पवार (डिजाइन फोटो)
मुंबई: वित्त मंत्री अजित पवार की दादागिरी महायुति सरकार में भी जारी है। इस वजह से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्ववाली महायुति सरकार में शामिल उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के मंत्री बेहद नाराज हैं। शिंदे की शिवसेना के मंत्रियों ने मंगलवार को अपनी नाराजगी डीसीएम शिंदे के समक्ष खुलकर जाहिर की।
मंगलवार को सहयाद्री अतिथि गृह में सीएम फडणवीस की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक के बाद शिंदे गुट के मंत्रियों ने डिप्टी सीएम शिंदे के साथ दो घंटे अलग से बैठक की। इस दौरान उन्होंने वित्त मंत्री अजित पवार की शिकायत की। शिंदे के मंत्रियों ने कहा कि अजित उन्हें फंड नहीं दे रहे हैं इस वजह से उन्हें अपने विभाग व निर्वाचन क्षेत्र में जनहित के काम करने में परेशानी हो रही है।
महायुति सरकार में शिंदे की मंत्रियों की डीसीएम एवं वित्त मंत्री अजित पवार के प्रति नाराजगी का खुलासा मंगलवार को हुआ। कैबिनेट बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपनी पार्टी के मंत्रियों के साथ अलग से बैठक की।
इस दौरान उन्होंने अपने मंत्रियों के विभाग एवं निर्वाचन क्षेत्रों में चल रहे विकास कार्यों का एक-एक करके जायजा लिया तथा शिंदे ने उन्हें जनहित के कार्यों पर प्राथमिकता के आधार पर जोर देने, काम जल्द से जल्द पूरा करने, फाइलों को लंबित न रखने और आम लोगों तक पहुंचने की सलाह दी।
लेकिन सूत्रों का दावा है कि लगभग सभी मंत्रियों ने डीसीएम शिंदे से एक जैसी ही शिकायत की। मंत्रियों का कहना था कि अजित उनके क्षेत्र व विभाग के विकास कार्यों में अड़ंगा डालने का प्रयास कर रहे हैं। उन्हें काम के लिए पर्याप्त फंड नहीं दे रहे हैं।
महाराष्ट्र की राजनीति में अजित पवार अपनी दबंगई के लिए हमेशा से जाने जाते रहे हैं। अजित के खिलाफ बीजेपी के विधायकों ने पिछले दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से शिकायत की थी। शाह ने बीजेपी विधायकों को याद दिलाया था कि महायुति में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है। इसलिए बीजेपी विधायकों को काम के लिए अजित की नाक में दम करना चाहिए। शाह ने कहा था कि आप अजित की शिकायत न करें बल्कि अजित आपकी शिकायत करने मेरे पास आएं, ऐसा काम करें।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्ववाली महाविकास आघाडी सरकार के दौरान शिवसेना में ऐतिहासिक बगावत हुई थी। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में हुई उस बगावत के दौरान शिंदे और उनके समर्थक विधायकों ने तत्कालीन महाविकास आघाड़ी सरकार में वित्त मंत्री रहे अजित पवार पर दादागिरी करने और फंड नहीं देने का आरोप लगाया था।
हालांकि बाद में बीजेपी के समर्थन से शिंदे खुद महायुति सरकार के सीएम बन गए और बाद में अजित भी उस सरकार में शामिल हो गए। इतना ही नहीं शिंदे ने अपनी सरकार में अजित को ही वित्त मंत्री बनाकर सभी को सकते में डाल दिया था।
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महायुति सरकार में सिर्फ शिंदे के मंत्री या बीजेपी के विधायक ही नाराज नहीं हैं बल्कि सभी 5 राज्यमंत्री भाजपा के मेघना बोर्डीकर, माधुरी मिसाल, पंकज भोयर, एनसीपी के इंद्रनील नाईक और शिवसेना के योगेश कदम भी नाराज हैं। क्योंकि राज्य मंत्रियों को अभी तक शक्तियां आवंटित नहीं की गई हैं।
राज्य मंत्रियों का आरोप यह है कि सरकार के गठन को 5 महीने बीत चुके हैं लेकिन कैबिनेट मंत्री उन्हें उनका अधिकार ही नहीं दे रहे हैं। इसलिए कोई फाइल उनके टेबल तक पहुंचती ही नहीं है। राज्यमंत्रियों ने मंगलवार की कैबिनेट बैठक के दौरान अपना दुखड़ा सीएम फडणवीस को एक बार फिर सुनाया।