(फोटो सोर्स सोशल मीडिया)
मुंबई : महाराष्ट्र में विधानमंडल के तीन दिवसीय विशेष सत्र का सोमवार को तीसरा और आखिरी दिन है। पहले दो दिनों में प्रोटेम स्पीकर कालिदास कोलंबकर ने राज्य के नव निर्वाचित 288 विधायकों में से 280 को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई, लेकिन इस दौरान विधान भवन सहित पूरे राज्य के सियासी गलियारे में ईवीएम में गड़बड़ी तथा मारकडवाडी में बैलेट से वोटिंग की मांग का मुद्दा गुंजता रहा। इसे लेकर हो रही बयानबाजियों के कारण राज्य का सियासी पारा चढ़ा रहा।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी नीत महायुति को मिली बंपर जीत को विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (मविआ) ईवीएम घोटाला बता रहा है। मविआ के नेता आरोप लगा रहे हैं कि चुनाव आयोग की मदद से ईवीएम में छेड़छाड़ करके बीजेपी और महायुति ने विधानसभा का चुनाव जीता है। इसी दौरान बैलट पेपर से मॉक वोटिंग की मांग कर रहे मालशिरस विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आनेवाले मारकडवाडी गांव के लोगों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई ने आग में घी डालने का काम किया है। इस मुद्दे को लेकर मविआ के विधायकों ने शनिवार को शपथ ग्रहण का बहिष्कार किया था, तो वहीं राकांपा नेता शरद पवार सोमवार को मारकडवाडी गांव पहुंच गए।
शरद पवार ने चैत्यभूमि स्थित डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा के सामने से लाई गई मोमबत्तियों को जलाने के बाद मारकडवाडी के ग्रामीणों की सराहना करते हुए कहा कि आपने पूरे देश को जगाया है। उन्होंने कहा, ”पूरा देश आपकी बात कर रहा है। यह सब पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनाव के कारण हुआ। हमने ईवीएम के जरिए मतदान किया, लेकिन कुछ अप्रत्याशित परिणाम सामने आए, तो लोगों के मन में यह संदेह पैदा हुआ है। इसे सुधारा जाना चाहिए। लोगों के मन में यह सवाल उठने लगे हैं कि दुनिया में क्या चल रहा है?” उन्होंने अमेरिका और इंग्लैंड का उदाहरण देते हुए कहा कि इन जैसे बड़े देशों ने ईवीएम के बारे में सोचा था लेकिन वहां आज भी बैलेट से मतदान कराए जा रहे हैं तो हम ईवीएम की जिद क्यों कर रहे हैं?
शरद पवार साहब, मारकड़वाड़ी के ग्रामीणों ने हमेशा अलग-अलग पार्टियों का साथ दिया है। आपकी जानकारी के लिए 2014, 2019 और 2024 के चुनावी आंकड़े प्रस्तुत कर रहा हूँ। इसे ध्यान से पढ़ें।
2014 लोकसभा चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस के उम्मीदवार विजयसिंह मोहिते पाटील को 533 वोट मिले, जबकि… pic.twitter.com/6dMuP42BMC
— Chandrashekhar Bawankule (@cbawankule) December 8, 2024
शरद पवार के इन बयानों को लेकर बीजेपी और महायुति ने भी पलटवार किया है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष व विधायक चंद्रशेखर बावनकुले ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर पोस्ट साझा करके हुए दावा किया कि मारकडवाडी के ग्रामीणों ने हमेशा अलग-अलग पार्टियों का समर्थन किया है। बावनकुले ने 2014, 2019 और 2024 के वोटों के आंकड़े साझा करते हुए कहा, ”आंखें खोलकर ध्यान से पढ़िए… 2014 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ने वाले विजयसिंह मोहिते पाटिल को 533 वोट मिले थे, जबकि महायुति के घटक दल सदाभाऊ खोत को 664 वोट मिले और 2014 के विधानसभा चुनाव में एनसीपी के हनुमंत डोलस को 294 वोट मिले, जबकि निर्दलीय अनंत खंडागले को 979 वोट मिले। इसी तरह 2019 के अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के रंजीत सिंह निंबालकर को 956 वोट मिले तो वहीं एनसीपी को 395 वोट मिले। हालांकि, 2019 में हुए इसी विधानसभा चुनाव में एनसीपी से चुनाव लड़ने वाले उत्तम जानकर को 1346 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी के तत्कालीन उम्मीदवार राम सातपुते को 300 वोट मिले थे।
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महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और विधायक नाना पटोले ने मारकडवाडी मामले का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, यह अकेले मारकडवाडी का मामला नहीं है, यह चर्चा हर गांव में चल रही है कि जो सरकार आई है वह जनता के मन और वोट से नहीं आई है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर ये सरकार आई कैसे? विपक्षी दलों के इन बयानों को लेकर उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी इनपर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, ”इससे पहले झारखंड और कर्नाटक में चुनाव हुए थे। लोकसभा चुनाव हुए, अब प्रियंका गांधी भी जीत गईं, इसलिए जब आप हारते हैं तो इसे ईवीएम घोटाला कहते हैं और जब आप जीतते हैं तो कोई भी ईवीएम की जगह बैलेट पेपर की मांग नहीं करता। उन्होंने विपक्ष के इस व्यवहार को दोगलापन करार देते हुए कहा कि उनके पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वे ऐसा कर रहे हैं। शिंदे ने कहा, ”मैंने पहले ही कहा था कि लाडली बहनें विपक्षी दल को चारों खाने चित कर देंगी।”