प्रियंका चतुर्वेदी (सौजन्य-एएनआई)
दिल्ली: महाराष्ट्र की बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी (अजित पवार) वाली महायुति सरकार में आने वाले वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट विधानसभा में पेश कर दिया है। सरकार ने चुनावों से पहले शुरू की जाने वाली लाडकी बहिन योजना के बजट में बड़ी कटौती की है। महायुति सरकार ने लाडकी बहिन स्कीम के बजट को 46,000 करोड़ से कम करके 36,000 करोड़ रुपए कर दिया है।
सरकार के इस फैसले के बाद विपक्ष ने विधानसभा के बाहर इसके खिलाफ प्रदर्शन भी किया। महिलाओं के साथ धोखे वाली बात को लेकर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “देवेंद्र फडणवीस ऐसे बयान दे रहे हैं जिनकी कथनी और करनी में कोई मेल नहीं है। वह कुछ चीजें सिर्फ सुर्खियां बटोरने के लिए करते हैं।”
#WATCH | दिल्ली: शिवसेना(UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "देवेंद्र फडणवीस ऐसे बयान दे रहे हैं जिनकी कथनी और करनी में कोई मेल नहीं है। वह कुछ चीजें सिर्फ सुर्खियां बटोरने के लिए करते हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के लोगों से जो वादा किया है, चाहे वह लाडकी बहन योजना हो, हमने बजट… pic.twitter.com/af3akHL1RQ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 12, 2025
लाडकी बहिनों से किए गए वादे को याद दिलाते हुए प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “उन्होंने महाराष्ट्र के लोगों से जो वादा किया है, चाहे वह लाडकी बहन योजना हो, हमने बजट में देखा है कि न तो उन्हें 2100 रुपये मिल रहे हैं और न ही बजट में कोई प्रावधान है। बजट दिखा रहा है कि महाराष्ट्र में कर्ज का बोझ कैसे बढ़ रहा है, अगर वे इन चीजों पर ध्यान दें और इस दिशा में काम करें तो यह महाराष्ट्र और उसके विकास के लिए अच्छा होगा।”
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महाराष्ट्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया है, जिसमें कोई नई बड़ी योजना का ऐलान नहीं किया गया है। इसका मुख्य कारण राज्य पर बढ़ता कर्ज और रेवेन्यू में हुआ घाटा है। महाराष्ट्र सरकार ने अपने बजट में मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीन योजना के अंतर्गत आवंटित की जाने वाली राशि में से 10,000 करोड़ रुपये की कटौती की है, जिससे इस स्कीम के लाभार्थियों पर सीधा असर हो सकता है।
महाराष्ट्र सरकार की टोटल लोन अमाउंट अब 9.3 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई है और वित्त वर्ष 2025-26 में रेवेन्यू लॉस 45,891 करोड़ रुपए होने का अनुमान लगाया जा रहा है। पिछले साल की तुलना में फिस्कल डेफिसिएट दोगुना से भी ज्यादा हो गया। राज्य का अनुमानित लोन 2 लाख करोड़ रुपये है, जो वित्त वर्ष 2024-25 में 7.1 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। ये पिछले 10 सालों की तुलना में लगभग 3 गुना बढ़ा है। डिप्टी सीएम अजित पवार, जो वित्त मंत्रालय भी संभाल रहे हैं, उन्होंने जोर दिया है कि लोन और फिस्कल डेफिसिएट लिमिट के अंदर हो।