नागपुर उत्तर विधानसभा सीट (डिजाइन फोटो)
नागपुर: महाराष्ट्र में चुनाव का ऐलान फिलहाल नहीं हुआ है, लेकिन इससे जुड़ी चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं। जनता कई तरह के मुद्दों को लेकर बात भी करने लगी है। साथ ही कई लोग इस बार किस तरह के विकास होना चाहिए इस पर भी बात करने लगे हैं। ऐसे में हम भी आपसे लगातार महाराष्ट्र की विधानसभा सीटों के बारे में बात कर रहे हैं और इन सीटों के वो हालात बता रहे हैं, जिससे आप यह अंदाजा लगा सकते हैं की इस बार चुनाव में किस तरह का नतीजा आ सकता है।
सीट वाइज विश्लेषण की इस कड़ी में आज बारी है नागपुर उत्तर विधानसभा सीट की। जहां दलित और अल्पसंख्यक गठजोड़ ने कांग्रेस को यहां बेहद मजबूत कर दिया है। जिसका नतीजा ये हो गया है कि कांग्रेस के लिए नागपुर उत्तर सीट कांग्रेस का एक अभेद किला बन गया है। जिसे तोड़ना भारतीय जनता पार्टी के लिए बेहद मुश्किल है।
2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा विधायक मिलिंद माने और कांग्रेस के नितिन राउत में मुख्य मुकाबला हुआ था। चुनाव में राउत ने 44 प्रतिशत वोट हासिल करते हुए भाजपा उम्मीदवार को 20 हज़ार से ज्यादा वोटो से हरा दिया था। राउत को जहां 86972 वोट मिले थे, वहीं माने को 66,127 वोट ही मिल पाया था।
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नागपुर उत्तर विधानसभा सीट के इतिहास की बात करें तो इसका गठन 1967 के परिसीमन में किया गया था। नागपुर उत्तर एक आरक्षित सीट है, अनुसूचित जाति के लिए यह सीट आरक्षित है। आरक्षित सीट होने की वजह से यहां दलित पार्टियों का ही दबदबा रहा है। जिसमें इंडियन फॉरवर्ड ब्लॉक, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया सहित कांग्रेस आती है। साथ ही भाजपा की भी स्थिति यहां मजबूत है। अब अगर चुनावी इतिहास के बारे में बात करें तो दो बार यहां रिपब्लिकन पार्टी, दो बार भाजपा, एक बार फॉरवर्ड ब्लॉक और पांच बार कांग्रेस ने बाजी मारी है। वर्तमान में कांग्रेस के नितिन राउत यहां से विधायक हैं।
वर्ष | उम्मीदवार | पार्टी | कुल वोट |
---|---|---|---|
2019 | डॉ. नितिन राऊत | कांग्रेस | 86821 |
2014 | डॉ. मिलिंद माने | भाजपा | 68905 |
2009 | डॉ. नितिन राऊत | कांग्रेस | 57929 |
2004 | डॉ. नितिन राऊत | कांग्रेस | 70758 |
1999 | डॉ. नितिन राऊत | कांग्रेस | 67110 |
1995 | भोला जांगलू बघेल | भाजपा | 63488 |
1990 | उपेन्द्र मंगलदास शेंडे | आरपीके | 33603 |
1985 | दमुंतीबाई मधुकर देशभ्रतार | कांग्रेस | 35507 |
1980 | सूर्यकांत जागोबाजी डोंगरे | आरपीके | 29397 |
1978 | सूर्यकांत जागोबाजी डोंगरे | आरपीके | 34598 |
1972 | हुसानजी गणवीर दौलतराव | एफबीएल | 22993 |
नागपुर उत्तर सीट एक आरक्षित सीट होने की वजह से नागपुर शहर की सभी विधानसभा सीटों के मुकाबले यहां अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। 2011 की जनगणना के मुताबिक, यहां 1,31,477 अनुसूचित जाति के मतदाताओं हैं, जो कुल मतदाता का 35 प्रतिशत से ज्यादा है। साथ ही 54,179 मुस्लिम मतदाता हैं। दोनों को अगर मिला दिया जाए तो यह 50 प्रतिशत से ज्यादा हो जाते हैं। वहीं यहां सिख समुदाय भी बड़ी संख्या में है। जबकि अनुसूचित जनजाति के मतदाता भी यहां करीब 10 प्रतिशत से ज्यादा हैं।
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नागपुर उत्तर शहर के प्रमुख हिस्सों में से एक माना जाता है। लेकिन यहां की जनता आज भी विकास के अभाव से जूझ रही है। इस विधानसभा क्षेत्र में जरीपटका, कमाल चौक जैसे बड़े व्यापारिक केंद्र आते हैं। इसके बावजूद विधानसभा के कई इलाके विकास का राह देख रहे हैं। अनाधिकृत लेआउट यहां की सबसे बड़ी समस्या है। वहीं, नागपुर मनपा के अंदर आने वाले क्षेत्र ऐसे दिखाई देते हैं जैसे यह कोई ग्रामीण क्षेत्र हो। इसी के साथ यहां स्वास्थ्य भी एक बड़ा मुद्दा हमेशा से रहा है। शहर के सभी बड़े अस्पताल या तो मध्य, दक्षिण या दक्षिण पश्चिम विधानसभा में हैं। जिसकी वजह से यहां की जनता पिछले कई सालों से एक अस्पताल बनाने की मांग भी कर रही हैं।
जैसे की हम बता चुके हैं नागपुर उत्तर में अनुसूचित जाति और मुस्लिम की संख्या का 50 प्रतिशत है। आम तौर पर दोनों समुदाय कांग्रेस को वोट देने के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में इसका प्रमाण भी देखने मिला है। कांग्रेस उम्मीदवार विकास ठाकरे के मुकाबले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी 32 हजार वोटों से यहां पीछे रहे। इस हिसाब से देखें तो नागपुर उत्तर विधानसभा सीट पर भाजपा की चुनाव में जीत काफी मुश्किल है।