क्या सतेज पाटील बचा पाऐंगे कांग्रेस का घर (सौजन्यः सोशल मीडिया)
कोल्हापूर: शहर के उत्तर विधानसभा सीट पर कांग्रेस की उमेदवारी को लेकर पूर्व पार्षदों में बढ़ी नाराजगी अब महापालिका चुनावों की ओर बढ़ते हुए पार्टी के लिए नई चुनौती बन गई है। 30 से अधिक नाराज पूर्व पार्षदों की नाराजगी को सुलझाने का जिम्मा अब आमदार सतेज पाटील के कंधों पर है। इस नाराजगी को दूर करने के लिए जल्द ही एक स्नेहभोजन आयोजित किया जाएगा।
विधानसभा चुनावों के दौरान कोल्हापूर उत्तर की उमेदवारी को लेकर कांग्रेस में भारी विवाद हुआ था। जब पार्टी ने राजेश लाटकर को उम्मीदवार घोषित किया तो अधिकांश पूर्व पार्षदों ने इसका विरोध किया। इसके बाद सबकी मांग पर मधुरिमाराजे छत्रपती को उमेदवारी दी गई, लेकिन लाटकर की बगावत के कारण मधुरिमाराजे ने अपना नाम वापस ले लिया। इससे पार्टी की छवि को धक्का लगा और नाराजगी बढ़ी। अब पार्टी के अंदर हलचल तेज है और इसे सुलझाने की जिम्मेदारी सतेज पाटील पर है।
कांग्रेस के गुट नेता शारंगधर देशमुख को यह चुनौती दी जा रही है कि वे पूर्व पार्षदों के बीच सहमति स्थापित करें। इस बीच, शिवसेना शिंदे गुट और राष्ट्रवादी अजित पवार गुट से भी उन्हें ऑफर मिल रहे हैं। इससे उनकी स्थिति और भी जटिल हो गई है।
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पिछले सप्ताह पूर्व पार्षदों की कलंबा में बैठक और स्नेहभोजन हुआ, जिसमें 30 पूर्व पार्षद शामिल हुए। हालांकि, इस बैठक में शिवसेना शिंदे गुट में शामिल होने की कोई चर्चा नहीं हुई, बल्कि सभी ने सतेज पाटील के साथ दृढ़ रहने का संकल्प लिया। अब, इस नाराजगी को सुलझाने के लिए सतेज पाटील और माजी आमदार मालोजीराजे छत्रपती के साथ एक और बैठक का आयोजन किया जाएगा।
शारंगधर देशमुख को शिवसेना शिंदे गुट और राष्ट्रवादी अजित पवार गुट से भी ऑफर मिल रहे हैं। उन्हें शिंदे गुट में शामिल होकर गुटनेता के रूप में कार्य करने का प्रस्ताव दिया गया है। साथ ही शहर के विकास के लिए आवश्यक निधि भी दी जाएगी। इस ऑफर के बाद, देशमुख की स्थिति और भी उलझती जा रही है। हालांकि, इस ऑफर का असर अभी तक बहुत ज्यादा नहीं हुआ है मात्र पार्टी में हलचल जारी है।