मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे (सोर्स: सोशल मीडिया)
Manoj Jarange on Dhananjay Munde: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पार्टी एनसीपी के विधायक धनंजय मुंडे को भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट से मिली क्लीन चिट के बाद उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने की चर्चा तेज हो गई है। इसे लेकर मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम अजित पवार पर निशाना साधा है।
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने शनिवार को सीएम फडणवीस और अजित पवार पर इन अटकलों को लेकर निशाना साधा कि एनसीपी नेता धनंजय मुंडे की राज्य मंत्रिमंडल में वापसी हो सकती है।
मनोज जरांगे ने जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में संवाददाताओं से कहा कि राज्य नेतृत्व हिंसा का महिमामंडन कर रहा है और ऐसे लोगों को मंत्री पद से पुरस्कृत कर रहा है। इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए जरांगे ने महादेव मुंडे की हत्या का भी जिक्र किया।
परली निवासी महादेव मुंडे का 19 अक्टूबर 2023 को अपहरण कर लिया गया था और 3 दिन बाद उनका शव मिला था। आरोपियों की गिरफ्तारी में देरी के विरोध में उनकी पत्नी ने पिछले हफ्ते बीड पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में जहर खा लिया।
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने कहा कि महादेव मुंडे के परिवार को सांत्वना देने के बजाय, सरकार धनंजय मुंडे को पुरस्कृत कर रही है। अगर राज्य सरकार इसी तरह काम करती रही, तो महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था नहीं बचेगी।
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उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को पुणे में पत्रकारों से कहा था कि अगर मुंडे अपने खिलाफ चल रही ‘जांच’ में बरी हो जाते हैं, तो उन्हें एक मौका दिया जाएगा। पवार ने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया, लेकिन अटकलें लगाई जा रही हैं कि जिस जांच की वह बात कर रहे थे, वह बीड जिले सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड से संबंधित है। इस हत्याकांड के बाद एनसीपी विधायक धनजंय मुंडे को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
बीड के मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख का 9 दिसंबर 2024 को अपहरण कर लिया गया था, उन्हें प्रताड़ित किया गया था और उनकी हत्या कर दी गयी थी। देशमुख ने एक पवनचक्की परियोजना का संचालन कर रही एक कंपनी से जबरन वसूली का विरोध किया था। इस मामले ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया था।
इस मामले में धनंजय मुंडे के करीबी वाल्मिक कराड की गिरफ्तारी के बाद विपक्ष के साथ-साथ सत्तारूढ़ महायुति के कुछ नेताओं ने भी परली से विधायक मुंडे को राज्य मंत्रिमंडल से हटाने की जबर्दस्त मांग की थी। मुंडे ने इसी साल 4 मार्च को इस्तीफा दे दिया था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)