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हत्या, पॉस्को, एट्रॉसिटी मामलों में शर्मनाक प्रदर्शन-जालना में Conviction Rate बेहद कम

Jalna District Police News : जालना जिले में अपराध सिद्ध करने में पुलिस की बड़ी विफलता। जनवरी–अक्टूबर 2025 के बीच सत्र न्यायालय में सिर्फ 6.44% और JMFC कोर्ट में 33% मामलों में ही दोष सिद्ध हो पाया।

  • By अंकिता पटेल
Updated On: Dec 11, 2025 | 02:44 PM

प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोशल मीडिया )

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Jalna Police Performance Report News : जालना जिले में लगातार दर्ज हो रहे गंभीर व सामान्य अपराधों के बीच इन मामलों को अदालत में सिद्ध करने में पुलिस की विफलता का चिंताजनक चित्र सामने आया है। जनवरी से अक्टूबर 2025 के बीच सत्र न्यायालय में पुलिस केवल 6.44 प्रश मामलों में अपराध साबित कर पाई। कुल 233 मामलों में से मात्र 15 मामलों में ही दोष सिद्ध हुआ।

 

अपराध का प्रकार कुल मामले दोष सिद्ध/सजा टिप्पणियाँ
कुल मामले (JMFC) 2,804 756 कुल मामलों में 33.11% में सजा/दोष सिद्ध
हत्या (Murder) 22 5 बहुत कम दोष सिद्ध
हत्या का प्रयास (Attempt to Murder) 38 1 सिर्फ 1 मामले में सजा
एट्रॉसिटी (Atrocities Act) 21 1 केवल 1 प्रकरण सिद्ध
पॉक्सो (POCSO) 26 1 सिर्फ 1 दोष सिद्ध
छेड़छाड़ (Molestation) 7 1 1 मामले में सजा
डकैती (Robbery) 2 1 आधे मामलों में दोष सिद्ध
  • कुल 2,804 मामलों में से सिर्फ 33.11% में सजा या दोष सिद्ध।

  • गंभीर अपराधों में दोष सिद्ध का प्रतिशत बेहद कम — खासकर हत्या प्रयास, पॉक्सो और एट्रॉसिटी मामलों में।

शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी, प्रत्यक्षदर्शी गवाहों के बयान, तकनीकी साक्ष्य व अन्य प्रमाण जुटाने की विस्तृत प्रक्रिया अपनाती है। इसके आधार पर न्यायालय में आरोप पत्र पेश करने कई सप्ताह से लेकर महीनों का समय लग जाता है।

अक्सर देखा जाता है कि अदालत में सुनवाई शुरू होते ही गवाह अपने बयान बदल देते हैं व पंच मुकर जाते हैं। कई मामलों में फरियादी व आरोपी अदालत के बाहर समझौता कर लेते हैं।

विशेष रूप से हत्या जैसे गंभीर अपराधों में यह प्रवृत्ति मामलों को काफी कमजोर कर देती है। नतीजतन, साक्ष्यों की कमी के चलते पुलिस अपराध सिद्ध नहीं कर पाती।

ई-साक्ष्य प्रणाली हुई लागू 66 सिद्धता बढ़ाने

के लिए तकनीकी जांच पर विशेष जोर दिया जा रहा है। अब आरोप-पत्र को न्यायालय में दाखिल करने से पहले उसकी गहन छानबीन की जाती है। ई-साक्ष प्रणाली लागू करने से गवाह व पंच अदालत में गलत साक्ष्य नहीं दे सकेंगे व इससे अपराध सिद्ध करने की दर में सुधार होगा।

पुलिस अधीक्षक- अजयकुमार बंसल

गवाहों व साक्षीदारों का मुकर जाना चिंताजनक

66 गवाहों व पंच साक्षीदारों का मुकर जाना अपराध सिद्धता में गिरावट का सबसे बड़ा कारण है। आरोपपत्र में खामियां रहने पर बचाव पक्ष उन्हें व प्रभावी ढंग से उपयोग में लाता है। कुछ माह पहले तक सिद्धता दर 12-13% थी, पर अब इसका और घटना चिंताजनक है।

जिला सरकारी वकील- बाबासाहेब इंगले

Jalna police low conviction rate 2025 court cases report

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Published On: Dec 11, 2025 | 02:44 PM

Topics:  

  • Jalna
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