प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स:सोशल मीडिया)
Jalna Municipal Corporation Elections News: जालना मनपा चुनाव की औपचारिक घोषणा भले ही न हुई हो, पर शहर में ठंड के मौसम में भी राजनीतिक पारा बढ़ गया है। विभिन्न दलों के प्रमुख नेताओं के संभावित उम्मीदवारों को काम जारी रखने की सलाह देते हुए टिकट देने का वादा करने से कई वाडों में दावेदारों की संख्या व असमंजस दोनों बढ़ गए है। पहली बार होने जा रहे मनपा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल पूरी ताकत से तैयारी में जुट गए हैं।
मनपा पर पकड़ व महापौर बनाने के लिए राजनीतिक दलों में रणनीति, जोड़तोड़ और आंतरिक प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। वर्तमान परिस्थितियों में भाजपा व शिवसेना के बीच गठबंधन की संभावना है। महाविकास आघाड़ी में अब तक समन्वय की साफ कमी दिख रही है। कांग्रेस की तरफ से जिलाध्यक्ष राजाभाऊ देशमुख, अब्दुल रशीद पहलवान व राजेंद्र राख जैसे नेताओं को टिकट वितरण में निर्णायक माना जा रहा है।
शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक अर्जुन खोतकर की राय अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। पूर्व नगराध्यक्ष भास्कर अंबेकर भी अनुभव के चलते बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। भाजपा में टिकट वितरण में पूर्व रेल राज्यमंत्री रावसाहेब दानवे, पूर्व विधायक कैलाश गोरंट्याल, महानगराध्यक्ष भास्कर दानवे, जिलाध्यक्ष व विधायक नारायण कुचे, बबनराव लोणीकर का प्रभाव रहेगा। भाजपा में हर वार्ड में टिकट पाने की दौड़ तेज है। राष्ट्रवादी कांग्रेस (अजीत पवार गुट) भी चुनावी तैयारी में सक्रिय हैं। पूर्व विधायक व जिलाध्यक्ष अरविंद चव्हाण संगठन मजबूत करने में जुटे हैं।
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नेताओं के आश्वासन के चलते एक ही वार्ड में कई दावेदारों के सक्रिय होने से पार्टी कार्यकर्ताओं व इच्छुक उम्मीदवारों में भ्रम की स्थिति बन गई है। कुछ दावेदार अपनी शिवसेना (शिंदे गुट) लेकर धार्मिक स्थलों पर भी पहुंच रहे हैं। आधिकारिक कार्यक्रम भले ही घोषित न हुआ हो, पर हर दल और हर दावेदार अपनी फील्डिंग मजबूत करने में पूरी ताकत झोंक रहा है।
जरूरत पड़ने पर स्वतंत्र रूप से ताल ठोक सकते हैं। अनुभवी नेता शेख महमुद का पक्ष भी अहम रहेगा। राज्य सरकार द्वारा महापौर पद के आरक्षण की घोषणा का सभी को इंतजार है। भाजपा नेता रावसाहेब दानवे ने कहा कि शिवसेना (शिंदे गुट) का अपने महापौर उम्मीदवार की पहले की घोषणा करना गठबंधन की राह में बाधा बन रहा है। सूत्रों के अनुसार, खोतकर गठबंधन में एक मजबूत भूमिका निभाएंगे, जबकि पूर्व विधायक कैलाश गोरंट्याल पूरी मुस्तैदी से खोतकर गुट के प्रभाव से दूरी बनाए रखना चाहते हैं।