जालना मनपा (सोर्स: सोशल मीडिया)
Jalna Municipal Corporation Bribery Case: जालना महानगरपालिका में हुए भ्रष्टाचार प्रकरण के बाद प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। जिलाधिकारी एवं प्रभारी आयुक्त आशिमा मित्तल ने मनपा आयुक्त संतोष खांडेकर के हस्ताक्षर वाले लगभग सवा करोड़ रुपए के चेक रद्द कर दिए हैं। यह कदम भ्रष्टाचार निरोधक दल (एसीबी) द्वारा खांडेकर को 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद उठाया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, खांडेकर के कार्यकाल के दौरान कई विकास परियोजनाओं और बिल भुगतानों में अनियमितताओं की संभावना जताई जा रही है। मनपा के लेखा विभाग में विभिन्न ठेकेदारों के बिल भुगतान के लिए लंबित थे, जिन पर खांडेकर के हस्ताक्षर मौजूद थे। रिश्वतकांड के बाद इन सभी भुगतान प्रक्रियाओं पर प्रश्नचिह्न लग गया था।
इसी क्रम में जिलाधिकारी आशिमा मित्तल ने हाल ही में जालना मनपा कार्यालय का दौरा कर कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। निरीक्षण के दौरान उन्होंने खांडेकर द्वारा हस्ताक्षरित सभी चेकों की जांच कर उन्हें तत्काल प्रभाव से रद्द करने के निर्देश दिए। बताया गया है कि रद्द किए गए चेकों की कुल राशि लगभग सवा करोड़ रुपए है।
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अब सभी ठेकेदारों को अपने बिल पुनः प्रस्तुत करने होंगे। प्रशासन द्वारा संबंधित कार्यों की गुणवत्ता, प्रामाणिकता और वास्तविकता की जांच की जाएगी। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि केवल उन्हीं कार्यों के बिल स्वीकृत किए जाएंगे, जिनकी जांच में पारदर्शिता और गुणवत्ता प्रमाणित होगी।
मित्तल ने यह भी बताया कि जांच प्रक्रिया में छोटे बिल 1 लाख से 10 लाख रुपए तक को भी शामिल किया गया है। प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई मनपा में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की जा रही है, ताकि भविष्य में भ्रष्टाचार की पुनरावृत्ति न हो।