जलगांव में खूनी संघर्ष (कंसेप्ट फोटो, सोशल मीडिया)
जलगांव: जलगांव में ऑनर किलिंग की वारदात से पूरे शहर में सनसनी मच गई। घर से भाग कर प्रेम विवाह करने वाले युवक मुकेश रमेश शिरसाठ को लड़की के घरवालों ने पिंपराला इलाके में रविवार सुबह करीब 8 बजे मौत के घाट उतार दिया। घटना शहर के पिंपराला इलाके में रविवार सुबह एक खूनी संघर्ष हुआ, जिसमें एक युवक की हत्या कर दी गई और सात अन्य लोग घायल हो गए।
यह घटना पुरानी रंजिश का नतीजा बताई जा रही है। इस घटना के बाद से पूरे इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। इस घटना के बाद से पुलिस प्रशासन के खुफिया विभाग की सक्रियता पर भी सवाल खड़े हो गए। एक बार फिर साबित होता है कि अपराधी पर पॉलिसी का अंकुश नहीं रहा है।
पुलिस के अनुसार, मुकेश रमेश शिरसाठ (30 वर्ष) नामक युवक का कुछ महीने पहले इलाके के कुछ युवकों से विवाद हुआ था। शनिवार रात इस विवाद ने एक बार फिर हिंसक रूप ले लिया और रविवार सुबह करीब 8 बजे, सात से आठ हमलावरों ने शिरसाठ परिवार पर चाकू, कुल्हाड़ी और लाठियों से हमला बोल दिया।
इस हमले में मुकेश शिरसाठ के अलावा, निलकंठ सुखदेव शिरसाठ (45), कोमल निलकंठ शिरसाठ (20), निलकंठ शिरसाठ, ललिता निलकंठ शिरसाठ (30) और सनी निलकंठ शिरसाठ (21) गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को तुरंत जिला सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां मुकेश शिरसाठ ने दम तोड़ दिया।
घटना की सूचना मिलते ही रामानंदनगर पुलिस स्टेशन की टीम घटनास्थल पर पहुंची। तब तक जनता में आक्रोश बढ़ चुका था। पुलिस ने आक्रोश को देखते हुए जिला अस्पताल में भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। जलगांव स्थानीय अपराध शाखा के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक बबन आव्हाड ने बताया कि इस मामले में जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
इस घटना से पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया है। मृतक के परिवार और रिश्तेदारों ने जिला अस्पताल में जमकर हंगामा किया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया है।
जिले में अवैध कारोबार की रेलचेल से क्राइम ग्राफ बढ़ा है, जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक हो गई है। पुलिस प्रशासन के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गई है। अब अवैध कारोबार को रोकने और अपराधियों को सजा दिलाने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।
जिले में अवैध कारोबार के बढ़ने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें बालू रेत खनन माफिया, सट्टा मटका और अन्य गैर कानूनी गतिविधिया शामिल हैं। पुलिस प्रशासन की ओर से इस पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा, अवैध कारोबार को बढ़ावा देने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे वे और भी हिम्मत कर रहे हैं।
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इस समस्या का समाधान करने के लिए पुलिस प्रशासन को अवैध कारोबार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी। इसके लिए उन्हें अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा और अवैध कारोबार के खिलाफ विशेष अभियान चलाना होगा।