बाल-बाल बचे 25 यात्री (सौजन्यः सोशल मीडिया)
जलगांव: महाराष्ट्र के जलगांव ज़िले के जामनेर तालुका स्थित पिंपलगांव गोलाईत गांव के पास मंगलवार सुबह एक निजी यात्री बस में अचानक आग लग गई। पुणे से बुरहानपुर होते हुए धारणी जा रही यह बस देखते ही देखते जलकर पूरी तरह खाक हो गई। हालांकि बस में सवार 25 यात्री, चालक और परिचालक समय रहते बाहर निकल आए, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, एमपी 48 ZP 5533 नंबर की यह निजी बस पुणे से बुरहानपुर और धारणी की ओर जा रही थी। जब बस ने पहूर क्षेत्र पार किया और पिंपलगांव गोलाईत के पास पहुंची, तभी बस के पिछले हिस्से में टायर के नीचे स्थित गुब्बारे (बलून) के फटने से आग लग गई।
बस में बैठे एक सतर्क यात्री ने धुआं उठता देखा और शोर मचाकर ड्राइवर को बस रोकने के लिए कहा। बस रुकते ही सभी यात्रियों को तत्परता से नीचे उतारा गया। तेज़ हवा के चलते आग ने कुछ ही क्षणों में विकराल रूप ले लिया और पूरी बस आग की चपेट में आ गई। यात्रियों की सतर्कता और त्वरित प्रतिक्रिया के चलते सभी सुरक्षित बाहर निकल आए।
घटना की सूचना मिलते ही पिंपलगांव गोलाईत के पुलिस पाटिल ने तत्काल पहूर पुलिस स्टेशन को सूचित किया। पुलिसकर्मी सुभाष पाटिल और आकाश देशमुख मौके पर पहुंचे और तुरंत शेंदुर्णी व जामनेर के अग्निशमन दलों को बुलाया। शेंदुर्णी अग्निशमन दल से शरद बारी, ईश्वर सोनवणे, जहिर तडवी और जामनेर दल से राजेंद्र सोनार, पवन शिंदे, प्रशांत सुतार, मयूर ने मिलकर आग पर नियंत्रण पाया। स्थानीय ग्रामीणों — सौरभ राजपूत, हरिभाऊ राजपूत, सागर शिसोड़े, दीपक राजपूत — और आपदा प्रबंधन टीम के सदस्य सागर पाटिल ने भी राहत और बचाव कार्य में सक्रिय भागीदारी निभाई।
बस में सवार अधिकतर यात्री बुरहानपुर, धारणी, खंडवा, मोंद्रा और उडी (मध्य प्रदेश) के निवासी थे। बचाव पाने वाले प्रमुख यात्रियों में संतोष सोलंकी (उडी), गंगाधर मांगीलाल वायफुले, अर्जुन नार्वे, दिलीप सोलंकी, संतोष डावर, जितेंद्र सोलंकी, आशा सावरकर, मुकेश डिकार, सुनील डावरे, भिलवलकर, ऋत्विक पारेकर, पूजा वासकुले, प्रमिला डावर, राजवंती डावर, सुनीता सोलंकी, भारती राठौर, सुनीता मोरले, बस चालक अजय चोपे और परिचालक दीपक शामिल हैं। घटना से घबराए कुछ यात्री जो भी वाहन मिला, उसमें सवार होकर जामनेर की ओर रवाना हो गए।
संतोष लकडिया सोलंकी नामक यात्री ने बताया कि “टायर के नीचे लगे गुब्बारे में अचानक धमाका हुआ और वहीं से आग लग गई। सौभाग्य से हम सभी समय पर नीचे उतरकर सुरक्षित स्थान पर पहुंच गए।”