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अमलनेर : महाराष्ट्र में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जिसके लिए सभी दलों की तैयारी जोरों पर हैं। बात करें अमलनेर विधानसभा सीट की तो यहां अब तक का चुनावी इतिहास काफी रोचक रहा है। इस सीट पर अब तक कांग्रेस का 6 बार, भाजपा का 3 बार और जनता पार्टी का 2 बार प्रतिनिधित्व रहा है, जबकि जनता दल और राष्ट्रवादी कांग्रेस का एक-एक बार जबकि निर्दलियों का 2 बार प्रतिनिधित्व रहा है।
गुलाबराव वामनराव पाटिल और डॉ. बीएस पाटिल ने इस निर्वाचन क्षेत्र का तीन-तीन बार प्रतिनिधित्व किया है। इन दोनों के अलावा किसी को यहां से दूसरा मौका नहीं मिला। 1952 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, अमलगांव के जयवंतराव नामदेवराव पाटिल अमलनेर विधानसभा क्षेत्र के पहले विधायक बने। 1957 में यह सीट एसटी के लिए आरक्षित कर दी गई और यह निर्वाचन क्षेत्र द्विसदस्यीय बन गया। माधवराव गोटू पाटिल सामान्य निर्वाचन क्षेत्र से और तडवी जालमखान संडेबजखान एसटी वर्ग से चुने गए।
1960 में मुंबई राज्य महाराष्ट्र राज्य बन गया। इसके बाद 1961 में द्विसदनीय व्यवस्था समाप्त कर दी गई। फिर 1962 में महाराष्ट्र राज्य का पहला विधानसभा चुनाव हुआ जिसमें इस सीट से कांग्रेस पार्टी से रावेर के शहजान तड़वी निर्वाचित हुए। उन्हें 21 हजार 817 वोट मिले। इसके बाद 1967 में गांधीली के कृष्णराव माधवराव पाटिल भी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार थे जिन्होंने 25 हजार 87 वोट हासिल कर जीत हासिल की थी। 1972 में पटोंदया से जगतराव वेंकटराव पवार कांग्रेस पार्टी से 40 हजार 223 वोट हासिल कर जीते थे।
वर्ष 1978 में कांग्रेस के विजय रथ को रोकते हुए जनता पार्टी के दहिवाड गांव के गुलाबराव वामनराव पाटिल ने यहां से 43 हजार 697 वोटों से जीत हासिल की थी। इसके बाद इंदिरा गांधी ने सरकार बर्खास्त कर दी थी। जब 1980 में दोबारा चुनाव हुए तो इस सीट से गुलाबराव पाटिल 36 हजार 179 वोटों के साथ जनता पार्टी से चुने गए। इसके बाद 1985 में कांग्रेस के ढेकू गांव के अमृतराव वामनराव पाटिल 43 हजार 545 वोट हासिल कर जीते थे। 1990 के चुनाव में गुलाबराव वामनराव पाटिल ने जनता दल से 44 हजार 211 वोट पाकर जीत हासिल की।
इसके बाद 1995 में मालपुर गांव के डॉ. बीएस पाटिल बीजेपी से 35 हजार 838 वोट पाकर जीते थे जो इस सीट से बीजेपी की पहली जीत थी। अपने जीत के अभियान को जारी रखते हुए 1999 में भी डॉ. बीएस पाटिल बीजेपी से जीते थे। 2004 में जीत की हैट्रिक लगाते हुए बीजेपी के डॉ. बीएस पाटिल ने फिर से यहां जीत हासिल की। लेकिन इसके बाद 2009 में बीजेपी को विजय रथ को रोकते हुए एक निर्दलीय ने इस सीट से जीत हासिल की। पारोला तालुका के आदर्शगांव राजवाड से कृषिभूषण साहेबराव पाटिल निर्दलीय के रुप में यहां से 55 हजार 84 वोट हासिल कर विधायक चुने गए।
2014 के चुनाव में भी इस सीट पर एक निर्दलीय ने जीत हासिल की। नंदुरबार के शिरीषदादा हीरालाल चौधरी ने यहां से 68 हजार 149 वोट हासिल किए औऱ निर्दलीय चुने गए। हालांकि बाद में ये बीजेपी के एसोसिएट सदस्य बन गये। 2019 में हिंगोन से अनिल भाईदास पाटिल इस सीट से एनसीपी के उम्मीदवार चुने गए। इसके बाद उन्हें राहत एवं पुनर्वास आपदा प्रबंधन मंत्री का कैबिनेट रैंक भी दिया गया। आगामी चुनाव में देखना दिलचस्प होगा कि इस बार यहां किस पार्टी के सिर सत्ता का ताज सजेगा।