नम आंखों से मां दुर्गा को दी विदाई (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Gondia District: गोंदिया जिले में मनाए जा रहे नवरात्रोत्सव के 10वें दिन दशहरे को गोंदिया सहित आसपास की दुर्गा मूर्तियों का विसर्जन किया गया। रजेगांव स्थित बाघ नदी तट पर मां दुर्गा को नम आंखों से विदाई दी गई। दशहरे के दिन दिनभर मां के भक्तों में उत्साह देखने मिला। शहर ढोल, ताशे व जयकारों से गूंज उठा था। मां की अंतिम झलक पाने के लिए मुख्य मार्ग पर भक्तों का सैलाब उमड़ा था।
सुरक्षा की दृष्टि से चप्पे चप्पे पर पुलिस बंदोबस्त तैनात रखा गया। देर रात तक मां के जयकारे गूंजते रहे। गोंदिया का नवरात्रि उत्सव विदर्भ में ही नहीं छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश में भी प्रसिद्ध है। प्रति वर्षानुसार इस बार भी सभी दुर्गा उत्सव मंडल व श्रद्धालुओं ने उत्साह व शांति के साथ इस उत्सव को मनाया।
शहर के विभिन्न हिस्सों में स्थापित की गई दुर्गा की मूर्ति के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी चहल-पहल रही। पंचमी से शहर के सभी मार्गों पर भारी भीड़ रही। अष्टमी के दिन हवन, पूजा पाठ हुआ। वहीं दुर्गा मूर्तियों का विसर्जन का सिलसिला आरंभ हुआ। गोंदिया शहर व आसपास की दुर्गा मूर्तियों का विसर्जन हुआ। सुबह से ही दुर्गा उत्सव मंडलों ने विसर्जन रैली की तैयारियां शुरू की थी।
दिनभर शहर में ढोल ताशे बजते रहे। दुर्गा मंडलों ने आकर्षक झांकियां तैयार की थी। शहर के मुख्य मार्केट सहित अन्य जगह से विसर्जन रैलियां निकली। जो मुख्य मार्ग पर पहुंची। इसके बाद एक के पीछे एक दुर्गा मूर्ति आगे बढ़ती गई। मां के जयकारों से पूरा शहर गूंज उठा था। मां की एक झलक पाने के लिए श्रद्धालुओं ने रास्ते पर काफी भीड़ की थी। भक्तों का उत्साह चरम पर दिखाई दिया।
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दोपहर से निकली विसर्जन रैली देर रात तक रजेगांव स्थित बाघ नदी तट पर पहुंची। जहां विधिवत दुर्गा मूर्तियों का विसर्जन किया गया। बाघ नदी गोंदिया जिले के लिए एक महत्वपूर्ण नदी है। यहां गणेश प्रतिमा, दुर्गा मूर्ति सहित विविध देवी-देवताओं का विसर्जन किया जाता है। भक्तों की भीड़ और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा घाटो के किनारे बेरिकेडस और बिजली की व्यवस्था की गई थी। वहीं असामाजिक गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए पुलिस बल भी बड़ी संख्या में तैनात किए गए थे।