किसानों की फसलें बर्बाद (सौजन्य-नवभारत)
Goregaon News: गोंदिया जिले के गोरेगांव तहसील में वापसी की बारिश ने भारी तबाही मचाई है, जिससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। कटाई के लिए तैयार अल्पकालिक धान की फसल बारिश के कारण खेतों में गिर पड़ी है और कई जगहों पर पूरी तरह से जलमग्न हो गई है। परिणामस्वरूप, मेहनत से तैयार की गई फसल एक ही रात में नष्ट हो गई।
गहेलाटोला गांव के किसान यादवराव पटले के दो एकड़ खेत में लगी धान की फसल पानी में डूब गई है, जिससे उन्हें उत्पादन की कोई उम्मीद नहीं बची है। यहां किसान पटले द्वारा स्थानिक पटवारी से पंचनामा करने की मांग की गई थी। लेकिन, स्थानिक पटवारी पंचनामा करने से टालमटोल कर रहा है। इस तरह की स्थिति में तहसील के अनेक गांवों में बनी हुई है। कई किसान गंभीर आर्थिक संकट में फंस गए हैं।
कटाई के ठीक पहले हुई इस बारिश से किसानों की स्थिति दयनीय हो गई है। पिछले एक सप्ताह से क्षेत्र में लगातार बेमौसम बारिश हो रही है, जिससे खासकर अल्पकालिक धान की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों ने संबंधित पटवारी (राजस्व अधिकारी) और कृषि सहायकों से संपर्क कर पंचनामा (नुकसान का सरकारी आकलन) करने की मांग की, लेकिन कुछ कर्मचारी ‘शासन के आदेश नहीं हैं’ कहकर किसानों को टालते नजर आ रहे हैं, ऐसा किसानों का आरोप है।
खेती की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है और इस अनपेक्षित आपदा ने किसानों को और मुश्किल में डाल दिया है। फसलें बर्बाद होने के बावजूद अधिकारी पंचनामा करने में आनाकानी कर रहे हैं, जिससे किसान बेहद परेशान हैं। हमारे खेत में फसल तैयार थी, कटाई के दो दिन पहले ही इस बारिश ने सब खत्म कर दिया, अब हम किसके पास जाएं?, किसान पटले ने दुख व्यक्त किया।
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इस पृष्ठभूमि में किसानों ने सरकार और प्रशासन से दृढ़ता से मांग की है कि तुरंत पंचनामा किया जाए और किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए। साथ ही, पंचनामा का कार्य गांव-गांव जाकर त्वरित रूप से शुरू किया जाए, जिससे किसानों पर और आर्थिक बोझ न पड़े। गोरेगांव तहसील के कई गांवों में ऐसी ही स्थिति है और ऐसे समय में प्रशासन का किसानों के साथ खड़ा रहना अत्यंत आवश्यक हो गया है।
बारिश के चलते फसलों की नुकसान भरपाई के पांचनामे करने के निर्देश स्थानिक पटवारी, कृषि विभाग को दिए गए हैं। पंचनामे से इनकार करने वाले अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी।