पानी में डूबी फसल (सौजन्य-नवभारत)
Gondia News: गोंदिया जिले के अर्जुनी मोरगांव तहसील शत-प्रतिशत धान उत्पादक के रूप में जाना जाता है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से तहसील के विभिन्न हिस्सों में लगातार हो रही बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। कटी हुई धान की फसल बारिश के पानी में गिर जाने से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है।
पिछले एक सप्ताह में अर्जुनी मोरगांव तहसील के कई इलाकों में लगातार बारिश हुई है, जिससे खेतों में खड़ी और सूख रही धान की फसलें काफी हद तक गीली हो गई हैं। परिणामस्वरूप, फसल में तुड़तुड़ा, मावा और अन्य बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। जैव विविधता में तेजी से हो रहे बदलाव के कारण कीटनाशक भी असर नहीं कर रहे हैं।
किसान लगातार खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव कर रहे हैं, लेकिन कीटों पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। ऐसे में किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। एक ओर, धान की फसल पर रोग और कीटों का दोहरा संकट, तो दूसरी ओर, वापसी की बारिश के कारण नमी की समस्या किसानों को उठानी पड़ रही है। कई खेतों में जलभराव के कारण कटाई के लिए मशीनों का उपयोग करना मुश्किल हो गया है।
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दिवाली का त्योहार नजदीक आते ही किसानों के चेहरों पर चिंता साफ दिखाई दे रही है। बारिश के कारण कटाई में देरी हो रही है, जिससे धान के काले पड़ने और उत्पादन कम होने का खतरा बढ़ गया है। कृषि पर निर्भर मजदूर वर्ग भी रोजगार की कमी महसूस कर रहा है। रविवार दोपहर को क्षेत्र में हुई बेमौसम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। यह स्थिति वर्तमान में पूरे तहसील में दिखाई दे रही है और आने वाले सीजन में किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।