सड़क पर लगे बैरिकेड हटाए गए (फोटो नवभारत)
Gondia Wagh River Bridge Danger: गोंदिया जिले के आमगांव-सालेकसा मार्ग स्थित वाघ नदी पुल की दुर्दशा अब यात्रियों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। पुल की जर्जर अवस्था को देखते हुए करीब डेढ़ वर्ष पूर्व जिला प्रशासन ने इस पुल से भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई थी और सुरक्षा की दृष्टि से दोनों ओर 8 फुट ऊंचे लोहे के बैरिकेट लगाए गए थे।
लेकिन समय बीतने के साथ ही असामाजिक तत्वों ने इन बैरिकेट को नुकसान पहुंचाना शुरु किया। कई बार बैरिकेट को तोड़ दिया गया था। बैरिकेट बीच सड़क पर झूलने से खतरा पैदा हो गया था। रात के अंधेरे में इन बैरिकेट से वाहन टकरा जाने से दुर्घटनाएं बढ़ रही थीं। वाहन चालकों व यात्रियों की जान पर खतरा मंडरा रहा था।
बाघनदी पुल की खराब हालत को देखते हुए जिलाधीश ने भारी वाहनों की आवाजाही पर पाबंदी लगाई थी। इसके बाद एसटी महामंडल की आमगांव-सालेकसा बंद होने से सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं व स्कूल जाने वाली छात्राओं को झेलनी पड़ी, जिन्हें रोजाना लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। इस समस्या को देखते हुए समाजसेवियों व जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से तत्काल बस सेवा बहाल करने की मांग की है।
नागरिकों की पहल के बाद बस सेवा को वैकल्पिक मार्ग सालेकसा, तिरखेडी, सातगांव, साकरीटोला होते हुए आमगांव से फिर से शुरु किया गया है। इस मार्ग से यात्रा दूरी में करीब 12 किमी की वृद्धि हुई है।
यह भी पढ़ें:- चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, एटापल्ली नगराध्यक्ष-उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित
अब यात्री या तो लंबा रास्ता तय कर रहे हैं या फिर खतरा मोल लेकर उसी जर्जर पुल से गुजर रहे थे। जहां टूटे हुए बैरिकेट से दुर्घटना की आशंका बनी हुई थी। संबंधित विभाग ने इन बैरिकेट को हटा लिया है।
वाघ नदी पर 12 मीटर चौड़े नए पुल के निर्माण के लिए 25 करोड़ रु। की निधि शासन स्तर पर मंजूर की गई है। साथ ही पुल निर्माण को प्रशासकीय व तकनीकी मंजूरी भी मिल चुकी है। इसके बावजूद, निर्माण कार्य शुरू न होने से नागरिकों में नाराजगी व्याप्त है।
स्थानीय नागरिकों द्वारा नया पुल बनने तक सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग से अस्थायी रूप से सुरक्षा उपाय करने करने की मांग की थी। टूटा हुआ बैरिकेट हटाने की मांग की थी। मार्ग का बैरिकेट हट जाने से नागरिकों ने काफी राहत महसूस की है।