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मानव विकास बसों से दिक्कत भरा सफर, अभिभावकों की बढ़ी चिंता, छात्राओं के लिए बस बनी सिरदर्द

Gondia News:गोंदिया-आमगांव मार्ग पर चलने वाली बस आते ही छात्राएं बस में बैठने के लिए भीड़ को चीरते हुए बस के अंदर घुसते हैं। अभिभावकों ने मानव विकास बसों की संख्या बढ़ाने की मांग की है।

  • By आंचल लोखंडे
Updated On: Aug 30, 2025 | 02:41 PM

मानव विकास बसों से दिक्कत भरा सफर (सौजन्यः सोशल मीडिया)

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Gondia News: छात्राओं को स्कूल तक सफर कराने के लिए शासन की ओर से मानव विकास बस चलाई जा रही है। लेकिन बसों की संख्या कम होने से छात्राओं का घर से स्कूल और स्कूल से घर का सफर दिक्कतों भरा हो गया है। गोंदिया-आमगांव मार्ग पर चलने वाली बस आते ही छात्राएं बस में बैठने के लिए भीड़ को चीरते हुए बस के अंदर घुसते हैं। अभिभावकों ने मानव विकास बसों की संख्या बढ़ाने की मांग की है, ताकि छात्राएं आसानी से अपने गतंव्य तक पहुंच सकें।

मानव विकास विभाग की ओर से स्कूली छात्राओं को स्कूल में जाने के लिए मानव विकास बस की व्यवस्था की गई है। हर तहसील के मुख्य मार्गो से मानव विकास बसों में छात्राएं सफर कर स्कूल पहुंच रहीं हैं। लेकिन बसों की संख्या कम होने से छात्राओं को बस में बैठने के लिए पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध नहीं होती। छात्राओं की संख्या अधिक और आसन क्षमता कम होने से छात्राएं समय पर स्कूल पहुंचने के लिए बस में बैठने के लिए भीड़ को चीरते हुए आगे बढ़ती हैं।

जैसे-तैसे सफर करने को मजबूर

इस दौरान उन्हें शारीरिक, मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गोंदिया-आमगांव मार्ग स्थित जयस्तंभी चौक बस स्थानक पर प्रतिदिन शाम 5 बजे इस तरह का दृश्य देखने मिलता है। ऐसे में कोई भी साधारण व्यक्ति इस तरह से बस में बैठने के लिए हिम्मत नहीं जुटा पाता है, क्योंकि छात्राओं की इतनी अधिक संख्या होती है कि बस में एक साथ सभी छात्राएं बैठ नहीं सकती। फिर भी समय पर अपने गतंव्य तक पहुंचने के लिए भीड़ को चीरकर छात्राएं बस में जैसे-तैसे सफर करने को मजबूर हो जाती है।

ये भी पढ़े: नागरिकों की ओर से कई शिकायतें मिलने के बाद महावितरण ने की कार्रवाई, काम अटकाने वाला क्लर्क निलंबित

मानव विकास बस सेवा

मानव विकास बस सेवा की मूल भावना छात्राओं को शिक्षा तक पहुंच देना है लेकिन जब यह सेवा ही उनकी परेशानियों का कारण बन जाए, तो पूरे उद्देश्य पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो जाता है। शासन-प्रशासन को चाहिए कि इस ओर गंभीरता से ध्यान देकर इसे फिर से एक सहायक और सुरक्षित साधन बनाए, ताकि बेटियां बिना डर और परेशानी के अपने सपनों की उड़ान भर सकें।

सुरक्षित सफर के लिए सुधार करें

सुरक्षित सफर के लिए सरकार को चाहिए कि वह बसों की संख्या और गुणवत्ता में सुधार करें। चालक व स्टाफ की प्रशिक्षण और नियमित निगरानी सुनिश्चित की जाए। सीसीटीवी कैमरे, जीपीएस ट्रैकिंग, सुरक्षा गार्ड आदि सुविधाएं लागू की जाएं वहीं समय-समय पर फीडबैक प्रणाली द्वारा छात्राओं की समस्याएं सुनी जाएं और हल की जाएं।

 

 

Traveling through manav vikas buses parents worries increased

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Published On: Aug 30, 2025 | 02:41 PM

Topics:  

  • Gondia News
  • Public Transport
  • ST Bus

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