
सीनियर सिटिजन को सर्टिफिकेट के आधार पर ST में छूट (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Gondia ST Mahamandal News: एसटी महामंडल ने कागजी पास की जगह हाई-टेक प्रणाली अपनाते हुए राज्य में स्मार्ट कार्ड योजना शुरू की थी, लेकिन यह योजना पिछले तीन साल से बंद है। इससे विद्यार्थियों सहित नियमित रूप से एसटी से यात्रा करने वाले यात्री स्मार्ट कार्ड जारी होने का इंतजार कर रहे हैं।
पहले सीनियर सिटिजन को तहसील कार्यालय से प्राप्त सर्टिफिकेट के आधार पर एसटी में छूट दी जाती थी। बाद में आधार कार्ड के आधार पर छूट मिलनी शुरू हुई, लेकिन आधार कार्ड यात्रा के दौरान खोने या खराब होने का खतरा अधिक था। ऐसे में 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र पूरी कर चुके वरिष्ठ नागरिकों को पहचान-पत्र के रूप में स्मार्ट कार्ड जारी करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए बस डिपो के आरक्षण कक्ष में अलग कार्यालय शुरू किया गया था। पंजीकरण होने के एक से दो महीने के भीतर स्मार्ट कार्ड प्राप्त करने की व्यवस्था की गई थी। यह पहल शुरू होते ही यात्रियों से अच्छा प्रतिसाद मिला था।
भंडारा विभाग नियंत्रक शीतल सिरसाठ ने बताया कि स्मार्ट कार्ड योजना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई थी। किसी कारणवश कार्ड जारी करना बंद हो गया था, लेकिन योजना जल्द ही पुनः शुरू की जाएगी और स्मार्ट कार्ड फिर से जारी किए जाएंगे।
सीनियर सिटिजन को स्मार्ट कार्ड दिखाकर यात्रा करने की सुविधा दी गई थी। इसके बाद छात्रों और अन्य यात्रियों को भी स्मार्ट कार्ड जारी किए जाने लगे। पेपर पास की जगह स्मार्ट कार्ड मिलने से सभी यात्री संतुष्ट थे। लेकिन आठ साल पहले शुरू हुई स्मार्ट कार्ड योजना पिछले तीन साल से बंद है। जिस कंपनी को स्मार्ट कार्ड बनाने का काम सौंपा गया था, उसमें तकनीकी समस्या आ गई। इसी कारण नए स्मार्ट कार्ड जारी करना संभव नहीं हो पाया और अवधि समाप्त हो चुके कार्ड का नवीनीकरण भी बंद कर दिया गया।
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यह योजना 2016 में शुरू हुई थी। एटीएम कार्ड की तरह अपडेट होने वाले स्मार्ट कार्ड छात्रों, सीनियर सिटिजन और अन्य यात्रियों के लिए यात्रा-पास के साथ पहचान पत्र का काम करते थे। कार्ड स्कैन करने के बाद मशीन में उसका रजिस्ट्रेशन स्वतः हो जाता था। परंतु स्मार्ट कार्ड मिलना बंद होने के चलते फिलहाल छात्र और वरिष्ठ नागरिक आधार कार्ड तथा पेपर पास के आधार पर ही यात्रा कर रहे हैं।






