शिरपुर जलाशय (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Gondia Shirpur Dam: गोंदिया सिंचाई विभाग के अड़ियल और किसान विरोधी रवैये के कारण देवरी तहसील के किसानों को रबी फसल के लिए पानी नहीं मिल पाएगा। इससे किसानों में रोष है। रबी के मौसम के लिए शिरपुर जलाशय से नियमित और पर्याप्त पानी की बार-बार मांग के बावजूद, बाघ सिंचाई विभाग और सरकार की ओर से कोई ठोस फैसला न होने के कारण किसानों को विरोध का रास्ता अपनाना पड़ रहा है।
किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर 23 दिसंबर तक किसानों की मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे 24 दिसंबर को शिरपुरबांध पर राष्ट्रीय राजमार्ग क्र। 53 पर चक्का जाम आंदोलन करेंगे। बाघ नदी के किनारे के गांवों, जैसे शिरपुर बांध, मकरधोकड़ा, पदमपुर, शिलापुर, फुक्कामेटा धारणी, कुंभारटोला बाघनदी, नंदगांवपाई, नवाटोला, हलबीटोला, ढिवरिनटोला और शिरपुर जलाशय पर निर्भर गांवों के किसानों की धान और दूसरी फसलें रबी सीजन में पानी की कमी के कारण खतरे में हैं।
किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग बार-बार यह रवैया अपना रहा है कि जलाशय में पानी होने पर भी पानी नहीं छोड़ा जा सकता। इससे रबी की फसलों को बड़ा नुकसान हो रहा है और बड़े आर्थिक नुकसान की आशंका जताई जा रही है।
मानसून के दौरान, शिरपुर जलाशय में बाढ़ का पानी बाघ नदी के किनारे के किसानों की खेती की फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचाता है। इस इलाके के किसान पिछले पच्चीस-तीस सालों से रबी सीजन में फसल लेते आ रहे हैं। पिछले वर्ष से विभाग की तरफ से दिक्कतें आने से किसान परेशान हैं।
इस मामले में किसानों ने एकजुट होकर सभा ली और ज्ञापन सौंपा। लेकिन, वादों के अलावा कुछ नहीं हो रहा है, इसलिए अब सीधे विरोध का फैसला किया गया है। किसानों की मांग है कि 23 दिसंबर तक पानी छोड़ने का शेड्यूल घोषित किया जाए, रबी सीजन में नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित की जाए और किसानों के साथ मिलकर फैसले लिए जाएं।
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किसान संगठनों ने पक्का फैसला किया है कि अगर 24 दिसंबर तक उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर देंगे। इस आंदोलन की वजह से राजमार्ग पर यातायात बाधित होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इस वजह से किसानों ने कहा है कि कानून-व्यवस्था के मामले के लिए सिंचाई विभाग जिम्मेदार होगा।