बस और ड्राइवर (सौजन्य-नवभारत)
Asti Forest Route: वर्धा जिले के आष्टी-शहीद तहसील के घने जंगल क्षेत्र में स्थित मोई तांडा और आबाद किन्ही गांवों से स्कूली बच्चों को लेकर आष्टी शहर जा रही राज्य परिवहन की बस के ब्रेक अचानक फेल हो गए। यह घटना रविवार, 20 दिसंबर की सुबह करीब 8 बजे आबाद किन्ही गांव के पास जांब नदी के पुल के आगे स्थित घाट में हुई।
चालक की सूझबूझ और सतर्कता के कारण एक बड़ा हादसा टल गया और बस में सवार करीब 75 स्कूली बच्चों की जान बच गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार, मोई तांडा और आबाद किन्ही गांवों के छात्र-छात्राएं शिक्षा के लिए प्रतिदिन आष्टी शहर आना-जाना करते हैं। यह इलाका घने जंगलों से घिरा हुआ है, जहां दिन-रात बाघ, भालू और तेंदुए जैसे जंगली जानवरों की आवाजाही रहती है।
20 तारीख की सुबह लालपरी बस मोई तांडा गांव पहुंची और वहां से आबाद किन्ही गांव होते हुए लगभग 75 विद्यार्थियों को लेकर आष्टी के लिए रवाना हुई। आबाद किन्ही गांव पार करने के बाद जांब नदी के पुल को पार कर बस जैसे ही घाट चढ़ने लगी, तभी अचानक उसके ब्रेक फेल हो गए।
ब्रेक फेल होते ही बस पीछे की ओर सरकने लगी। पीछे गहरी खाई और बड़ा पुल होने के कारण स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई थी। ऐसे समय में चालक ने धैर्य और सूझबूझ का परिचय देते हुए बस को नियंत्रित किया, जिससे बड़ा अनर्थ टल गया। घटना की जानकारी तुरंत आगार प्रमुख को दी गई। वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर दूसरी बस भेजी गई और सभी विद्यार्थियों को सुरक्षित रूप से सुबह 10 बजे स्कूल पहुंचाया गया।
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घटना की जानकारी मिलते ही मोई गांव की सरपंच सुषमा चव्हाण और आबाद किन्ही की सरपंच संगीता कदम मौके पर पहुंचीं। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और किसी भी प्रकार की जनहानि न होने पर राहत की सांस ली। इस घटना ने एक बार फिर स्कूल परिवहन की सुरक्षा और बसों की नियमित तकनीकी जांच की आवश्यकता को उजागर किया है।