प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Maharashtra News: महाराष्ट्र सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (पीयूसी) के बिना वाहनों को पेट्रोल या डीजल नहीं देने का एक अहम फैसला लिया है। परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने हाल ही में इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। इस फैसले के साथ ही वाहन मालिकों के लिए समय पर पीयूसी जारी करवाना अनिवार्य हो जाएगा और यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार अब प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सख्त रुख अपना रही है।
गोंदिया जिला परिवहन विभाग और पुलिस प्रशासन की मदद से इस फैसले का सख्ती से पालन भी कराया जाएगा। राज्य के सभी पेट्रोल पंपों पर अब अत्याधुनिक सीसीटीवी सिस्टम लगाया जाएगा और वाहन नंबर स्कैन करने के बाद कंप्यूटर सिस्टम के जरिए यह जांच की जाएगी कि उसमें वैध पीयूसी है या नहीं।
अगर वाहन मालिक के पास वैध पीयूसी नहीं है, तो संबंधित वाहन को ईंधन नहीं दिया जाएगा। जिससे बिना प्रमाण पत्र के पेट्रोल-डीजल नहीं देने का नियम व्यवहार में लागू हो जाएगा।
प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) एक ऐसा प्रमाणपत्र है जो यह जांचने के बाद जारी किया जाता है कि किसी वाहन से निकलने वाले धुएं की मात्रा कानून द्वारा निर्धारित सीमा के भीतर है या नहीं। कानून के अनुसार, इस प्रमाणपत्र का एक निश्चित अवधि के बाद नवीनीकरण किया जाना आवश्यक है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि वाहन कितना पुराना है और उसमें किस प्रकार का ईंधन इस्तेमाल होता है।
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उप प्रादेशिक परिवहन अधिकारी राजेंद्र केसकर ने कहा कि वाहन मालिकों से अपेक्षा की जाती है कि वे नियमित रूप से प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) की जांच करवाकर प्रदूषण नियंत्रण में सहयोग करें। यह निर्णय जनहित में है और इससे प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी।