फाइल फोटो (सोर्स: सोशल मीडिया)
Illegal Sand Mining In Gondia: गोंदिया जिले के तिरोड़ा तहसील सहित कई ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकारी-कर्मचारियों के मुख्यालय से अनुपस्थित रहने का सीधा फायदा रेत माफिया उठा रहे हैं। सरकारी छुट्टियों, खासकर शनिवार और रविवार को, अवैध रेत खनन और तस्करी बड़े पैमाने पर होती है, जिससे सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी अपनी सुविधा के अनुसार मुख्यालय से बाहर रहते हैं। इस कारण वे केवल कार्य दिवसों में आते-जाते हैं, और छुट्टियों में पूरी तरह से अनुपस्थित रहते हैं। इस स्थिति का लाभ उठाकर रेत तस्कर बिना किसी डर के अवैध खनन करते हैं।
इस समस्या पर कई बार जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराया गया है, लेकिन इसके बावजूद अप-डाउन करने वाले कर्मचारियों पर लगाम लगाने में वरिष्ठ अधिकारी असफल रहे हैं। नागरिकों का कहना है कि इस स्थिति के कारण न केवल अवैध गतिविधियां बढ़ रही हैं, बल्कि आम जनता को भी अपने कामों के लिए भटकना पड़ता है।
अवैध रेत खनन और गौण खनिज की तस्करी से सरकार को सीधे तौर पर आर्थिक नुकसान हो रहा है। लाखों रुपये का राजस्व जो सरकार के खजाने में आना चाहिए, वह माफियाओं की जेब में जा रहा है। इसके अलावा, अवैध खनन पर्यावरण और नदियों को भी नुकसान पहुंचा रहा है।
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स्थानीय जनप्रतिनिधियों की चुप्पी भी इस समस्या को और गंभीर बना रही है। आरोप है कि वे भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिससे माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन का नियोजन पूरी तरह से विफल दिखाई दे रहा है।
इस पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। लापरवाह और अप-डाउन करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों पर नकेल कसना आवश्यक है ताकि शासन की योजनाओं का सही क्रियान्वयन हो सके और राजस्व की हानि को रोका जा सके। यह एक गंभीर मुद्दा है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।