स्कूल के कमरे की जर्जर छत (फोटो नवभारत)
Gondia ZP Schools Dangerous Condition: उन्नत शिक्षा महाराष्ट्र ने प्राथमिक शिक्षा में परिवर्तन करने की योजना बनाई है, लेकिन भौतिक सुविधाओं के अभाव में जिप स्कूलों में अपेक्षित सुधार नहीं हो पाया है। गोंदिया में जिप स्कूलों के 925 कक्षाएं आज भी छात्रों की जान के लिए खतरा बने हुए हैं। कक्षाओं सहित जर्जर इमारतों के कारण छात्रों और शिक्षकों की जान भी खतरे में पड़ गई है।
जिला परिषद स्कूलों में छात्रों के स्कूल छोड़ने की प्रवृत्ति को रोकने के लिए सरकार ने उन्नत शिक्षा महाराष्ट्र पहल शुरू की है। इस पहल के तहत पठन आनंद दिवस, ज्ञान रचनावाद, डिजिटल स्कूल और वर्णमाला सुधार कार्यक्रम जैसी विभिन्न गतिविधियां शुरू की गईं। शिक्षा विभाग ने जिप स्कूलों के छात्रों को शहर के निजी स्कूलों के छात्रों से अधिक स्मार्ट बनाने के लिए विभिन्न गतिविधियां लागू की।
भौतिक सुविधाओं के लिए ‘गांव की स्कूल-हमारी स्कूल’ पहल जारी रखा। लेकिन गोंदिया में जिप खुद मान रही है कि अपर्याप्त निधि के कारण, जिप की 925 कक्षाएं ज्ञान प्राप्त करने के लिए आने वाले छात्रों के लिए बेहद खतरनाक हैं। सरकार ने जिप स्कूलों से छात्रों के ड्रॉपआउट को रोकने के लिए महाराष्ट्र उन्नत शैक्षणिक पहल शुरू की है।
इस पहल के तहत रीडिंग जॉय डे, नॉलेज कंस्ट्रक्टिविज्म, डिजिटल स्कूल और वर्णमाला सुधार कार्यक्रम जैसी कई गतिविधियां शुरू की गईं। शिक्षा विभाग ने शहर के निजी स्कूलों के छात्रों की तुलना में जिप स्कूलों के छात्रों को अधिक स्मार्ट बनाने के लिए विभिन्न गतिविधियां लागू की हैं।
भौतिक सुविधाओं के लिए ‘गांव की स्कूल-हमारी स्कूल’ पहल जारी रखी गई, लेकिन अपर्याप्त निधि के कारण, जिप स्वयं स्वीकार कर रही है कि गोंदिया में जिप की 925 कक्षाएं ज्ञान प्राप्त करने के लिए आने वाले छात्रों के लिए बहुत खतरनाक हैं।
गोंदिया के जिप स्कूलों में शौचालयों की हालत बेहद खराब है। लड़के और लड़कियों के लिए शौचालयों की हालत बेहद खराब है। लड़कियों के लिए अलग से शौचालय की सुविधा भी है, लेकिन उसकी हालत खराब है।
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क्रमांक | तहसील | जर्जर कक्षाएं (संख्या) |
---|---|---|
1️⃣ | अर्जुनी मोरगांव | 85 |
2️⃣ | आमगांव | 129 |
3️⃣ | देवरी | 55 |
4️⃣ | गोंदिया | 184 |
5️⃣ | गोरेगांव | 104 |
6️⃣ | सालेकसा | 85 |
7️⃣ | सड़क अर्जुनी | 127 |
8️⃣ | तिरोड़ा | 156 |
🟡 | कुल | 925 |
गोंदिया जिला परिषद के शिक्षा सभापति सुरेश हर्षे ने कहा कि जिले में कक्षाओं और स्कूल इमारतों की स्थिति ठीक नहीं है। मरम्मत और निर्माण के लिए निधि की आवश्यकता है। इसके लिए जिला नियोजन समिति से निधि की मांग की गई है। मैंने राज्य के स्कूली शिक्षा मंत्री दादा भुसे से भी व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और निधि की मांग की। निधि प्राप्त होते ही मरम्मत और निर्माण कार्य करवाया जाएगा।