बैठक में मौजूद कांग्रेस की नेता (फोटो नवभारत)
Gondia Congress Meeting: गोंदिया के तिरोड़ा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की सभा सांसद डॉ. प्रशांत पडोले व विधायक नाना पटोले की प्रमुख उपस्थिति में पूर्व विधायक दिलीप बंसोड के निवास स्थान पर संपन्न हुई। इस अवसर पर सांसद के जन्मदिन पर केक काटकर शुभकामनाएं दी गई।
इस अवसर पर पूर्व विधायक ने ओबीसी अन्य समाज में मराठा जाति को सम्मिलित करने से अन्य जो कई वर्षों से ओबीसी समाज सरकारी रिकार्ड में है उनके कोटे में मराठा जाति को सम्मिलित कर इन्हें सरकारी लाभ देने का सरकारी आदेश दिया गया है। जबकि समाज के गरीब लोगों को 10 प्रतिशत अलग से इसके पूर्व सरकार ने सुविधाएं, शिक्षा, नौकरी दी। जिसका वह लाभ ले रहे हैं।
इसका ही फायदा लेकर भंडारा, गोंदिया जिले में वनविभाग व शिक्षा विभाग शिक्षण सेवक के पदों पर कर्मचारी नौकरी में आए हैं। वह सभी मराठावाड़ा व अन्य भागों से आए हैं। इनमें एक भी गोंदिया-भंडारा जिले का कर्मचारी नहीं है। इन्हें 27 प्रतिशत आरक्षण में से शामिल किया है। तब अन्य जातियों पर बड़ा अन्याय होगा व चालू भी हो गया है।
सांसद डॉ. प्रशांत पडोले ने बताया कि रोजगार गारंटी योजना के पैसे सरकार ने मजदूरों को नहीं दिया है। मजदूरों का पैसा कब मिलेगा, यह भी बड़ी गंभीर समस्या है। सरकार सिर्फ हिंदू-मुस्लिम विवाद बढ़ाकर लोगों को विवाद में फंसाकर रखना चाहता है।
नाना पटोले ने विधानसभा के चुनाव हुए व निकाल के पहले तक सभी मीडिया वाले कांग्रेस के लगभग 80 विधायक निर्वाचित होने का सबूत बता रहे थे। आपकी सरकार आने वाली है लेकिन जब परिणाम लगना शुरू हुआ तो सब उल्टा हो गया। सारी ईवीएम मशीनों में सेटिंग कर डाली व सत्ता प्राप्त की।
नाना पटोले ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव में अच्छे उम्मीदवारों का चयन करों, उसके एक वर्ष बाद जिप के चुनाव आने वाले हैं। इसलिए कांग्रेस को मजबूत कराने का कार्य करों। लेह लदाख, उत्तराखंड में आगजनी भाजपा कार्यालयों की हो रही है। किसानों की कर्जमाफी नहीं की जा रही है।
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बोनस धान के रुपए नहीं दिए जा रहे है। इन सभी मांगों के लिए 7 अक्टूबर को तहसील कार्यालय पर भव्य मोर्चा में शामिल होने का आह्वान किया। इस अवसर पर तहसील अध्यक्ष रमेश टेंभरे, प्रदेश प्रतिनिधि राधेलाल पटले, शहर अध्यक्ष सौरभ चव्हाण, पवन मोरे, एपीएमसी संचालक ओम पटले, शालू रामटेके, बबलदास रामटेके, श्यामराव खोब्रागडे, कान्हु मेश्राम, सुरेश बंसोड आदि उपस्थित थे। संचालन लक्ष्मीनारायण दुबे ने किया।