भारी बारिश से फसल हो रही खराब (फोटो नवभारत)
Yellow Alert For Rain In Gondia: गोंदिया जिले में इस वर्ष अब तक 1,126 मिमी बारिश हो चुकी है। अब फिर से मौसम विभाग ने दो दिन का ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है। जिससे किसानों का डर बढ़ गया है। फिलहाल बारिश जारी रहने से खरीफ के हल्के प्रजाति के धान फसल का बड़ा नुकसान होने की संभावना किसानों ने व्यक्त की है। अनियमित वर्षा के कारण हर साल किसानों को भारी नुकसान होता है।
कभी कम तो कभी ज्यादा बारिश होने से किसानों को नुकसान हो रहा है। यहां तक कि जब हल्का धान परिपक्व होने पर आ गया है जिससे उत्पादन में कमी आने का डर बना है। वहीं वापसी की बारिश हर साल कहर बरपाती है। जिससे हाथ में आने वाली फसल किसान के हाथ से छूट जाती है।
जुलाई का पहला पखवाड़ा भी सूखा रहा, लेकिन उसके बाद जिले में हुई बारिश से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। इसके बाद उम्मीद से अधिक बारिश हुई और जिले में पानी की समस्या दूर हो गई। लगभग एक सप्ताह से जिले में प्रतिदिन कहीं कम तो कहीं अधिक बारिश हो रही है।
मौसम में ठंडक आने से आम नागरिकों को राहत मिली है। लेकिन बारिश बंद होते ही धूप निकल रही है। जिससे फिर उमस और गर्मी का सामना नागरिकों को करना पड़ रहा है। इस तरह के मौसम से जलजन्य बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। लगातार बारिश होने के कारण जलाशयों के जलस्तर में भी बढ़ोतरी हो रही है।
इस वर्ष बारिश देरी से हुई। हालांकि, इसके बाद बारिश ने जोरदार वापसी की। किसानों ने बुआई जल्दी पूरी कर ली। जिले के कई किसानों ने कम अवधि वाले धान की बुआई की। वह धान अब परिपक्व होने के कगार पर है। ऐसे में बारिश की वापसी से धान को बड़ा खतरा हो गया है। हाथ की फसल बर्बाद होने की चिंता से किसानों का डर बढ़ गया है।
मौसम विज्ञान विभाग के प्रादेशिक मौसम केंद्र ने दोनों के लिए पूर्वानुमान जारी किया है। उसके अनुसार जिले में अगले दो दिनों तक अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। एक दो स्थानों पर गरज-चमक की संभावना जताते हुए यलो अलर्ट जारी किया है। जिसे देखते हुए बारिश का सामना करना पड़ सकता है।
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दिनोंदिन मौसम में परिवर्तन हो रहा है। जिसकी वजह से धान की फसलों पर अनेक प्रकार के रोगों का प्रकोप देखा जा रहा है। धान के पौधे पीले पड़ने लगे हैं। जिससे किसानों द्वारा धान के पौधों पर महंगी दवाइयों का छिड़काव किए जाने के बावजूद हल नहीं निकल पा रहा है।
किसान पहले ही नुकसान की मार झेल रहे हैं और अब मौसम में बदले मिजाज के कारण किसान परेशान हो गए हैं। धान की फसलों पर लगे विविध रोगों में खोड़कीट, करपा का समावेश है। महंगी दवाओं का छिड़काव किए जाने के बावजूद किसान अपनी फसलों को बचा नहीं पा रहे हैं। जिससे किसान चिंता में डूबे हुए हैं।