गोंदिया न्यूज
District Marketing Federation Gondia: गोंदिया में पिछले खरीफ सीजन में फर्जी किसानों और कागजों के आधार पर धान खरीदने वाली संस्थाओं ने बोनस का लाभ लेने के आरोप में बुधवार को सालेकसा थाने में तीन संस्थाओं के 28 संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया । इसके बाद पूरे जिले में हडकंप मच गया है और पता चला है कि कुछ और संस्थाएं रडार पर हैं।
सरकार खरीफ सीजन में धान उत्पादन करने वाले किसानों को प्रोत्साहन अनुदान के तौर पर बोनस देने की घोषणा करती है। बोनस का फायदा उठाने के लिए सरकार के बीम पोर्टल पर जरूरी कागजों के साथ पंजीकरण होना जरूरी है। लेकिन, सालेकसा तहसील में 13 धान खरीदी केंद्रों से फर्जी किसानों, सात-बारा, नमूना आठ और बिना खेती वाली जमीन वाले किसानों के नाम दिखाकर बोनस प्राप्त किया गया।
सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में यह खुलासा हुआ। इसके बाद सरकार से शिकायत की गई। इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए सरकार ने जिलाधीश कार्यालय को पत्र लिखकर धान खरीदी करने वाली संस्थाओं की जांच करने और मामला दर्ज करने का निर्देश दिया। जैसे ही यह घटना सामने आई, 13 में से 10 संस्थाओं ने फर्जी किसानों के नाम पर निकाली गई 85 लाख रुपये की रकम जिला मार्केटिंग फेडरेशन में जमा कर दी।
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रकम जमा करने की अवधि बीत जाने के बाद भी रकम जमा न करने वाले तीन संस्थाओं के खिलाफ बुधवार को मामला दर्ज किया गया। उल्लेखनीय है कि सालेकसा तहसील में बोनस घोटाले का खुलासा होने के बाद पिछले खरीफ सीजन में बोनस का फायदा पाने वाले 1 लाख 30 हजार किसानों के कागजपत्रों की जांच करने का काम शुरू कर दिया गया है। इस बारे में सभी तहसीलदारों को पत्र भेज दिया गया है। जिले की कुछ संस्थाएं अभी भी रडार पर हैं और सभी संस्थाओं की लिस्ट की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद बड़ी कार्रवाई होने की संभावना है।
सरकार ने पिछले खरीफ सीजन में धान के लिए दो हेक्टेयर तक 20,000 रुपये प्रति हेक्टेयर बोनस देने का ऐलान किया था। लेकिन, कुछ किसानों ने धान केंद्र पर कर्मचारियों की मदद लेकर दूसरे किसान का नंबर डालकर रकबा दो हेक्टेयर तक बढ़ा लिया और दो हेक्टेयर तक बोनस का फायदा उठा लिया। अब उन किसानों से भी अतिरिक्त रकम वसूली जाएगी।