
प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोशल मीडिया )
Gondia Municipal Council Election Results: गोंदिया, ब्यूरो, नप गोंदिया, तिरोड़ा व सालेकसा, गोरेगांव नपं के चुनाव के नतीजे 21 दिसंबर को आए। इनमें कांग्रेस को शानदार जीत मिली। गोंदिया में कांग्रेस का नगराध्यक्ष पद सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। साथ ही गोरेगांव व सालेकसा नपं में कांग्रेस नेताओं का दबदबा देखने को मिला।
वहीं तिरोड़ा नप में राकां के ज्यादा उम्मीदवार निर्वाचित हुए तथा नगराध्यक्ष पद भाजपा को मिला। जिले में कांग्रेस नेताओं का दबदबा देखने को मिला। वहीं भाजपा के नेता चिंतित दिखाई दिए। गोंदिया जिले का मुख्यालय है।
इसके अलावा गोंदिया नप सौ साल से भी ज्यादा पुरानी ‘अ’ वर्ग की नप है। इसलिए जिले की राजनीति के लिए गोंदिया का चुनाव अहम है। हाल ही में हुए नप चुनाव में भाजपा ने टिकट बांटते समय बड़ी गलतियां कीं। इसका असर नतीजों में देखने को मिला।
जिले में पोवार समुदाय एक बड़ा वोटर है। इस समुदाय के पारंपरिक वोट भाजपा को जाते हैं। इसलिए, मूल रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े डॉ. प्रशांत कटरे ने लोकसभा, विधानसभा और अब नगराध्यक्ष पद के लिए टिकट मांगा।
लेकिन, पार्टी ने उन्हें मना कर दिया। परिणामस्वरूप, चुनाव से ठीक पहले प्रशांत कटरे ने शिंदे सेना से नगराध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का फैसला किया। दूसरी ओर, भाजपा ने पहले से ही अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले कशिश जायसवाल को टिकट दिया।
इस बार कांग्रेस भी जोर-शोर से चुनाव मैदान में उतरी। डॉ. प्रशांत कटरे के स्वभाव, शिक्षा और समाज पर पकड़ के आधार पर, उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा और तीसरे स्थान पर रहे, यानी 11,623 वोट मिले। कांग्रेस के सचिन शेंडे को 27,898 वोट मिले। भाजपा के कशिश जायसवाल को 24,552 वोट मिले, और राकां (अजीत पवार) की डॉ। माधुरी नासरे को 8,270 वोटों से संतोष रहना पड़ा।
सालेकसा और गोरेगांव नप में कांग्रेस ने नगराध्यक्ष के साथ एकतरफा सरकार बनाई। दोनों निकायों में, कांग्रेस को नगराध्यक्ष पद के लिए किसी भी निर्दलीय या अन्य पार्टी के पार्षदों का समर्थन लेने की जरूरत नहीं होगी। लेकिन, गोंदिया और तिरोड़ा नप में अगर नगराध्यक्ष चुना भी जाता है, तो सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और भाजपा को समझौता करना होगा, गोंदिया नप में कांग्रेस के 14, भाजपा के 18, राकां के 5, बसपा के 2, उबाठा के 2 और 3 निर्दलीय पार्षद चुने गए।
यहां, नगराध्यक्ष पद के लिए 22 बहुमत का आंकड़ा है। तिरोड़ा नप में अगर भाजपा का नगराध्यक्ष चुना भी गया, तो 6 भाजपा के पार्षद चुने गए और 12 राष्ट्रवादी कांग्रेस के पार्षद है। भाजपा राकां का सपोर्ट लेकर नगराध्यक्ष का पद बांटेगी। अगर वैसा नहीं हुआ तो 1 कांग्रेस और 1 उबाठा सेना का पार्षद है।
राकांपा (अजीत पवार) के नेता सांसद प्रफुल पटेल तथा पूर्व विधायक राजेंद्र जैन के नेतृत्व में नप व नपं चुनाव में उम्मीदवारों को खड़ा किया गया था। जहां रापा के उम्मीदवारों को जनता ने अच्छा खासा प्रतिसाद दिया।
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जिसके तहत तिरोड़ा नप में उनके 12 उम्मीदवार चुनकर आए। जिसके बदौलत उन्हें वहां सत्ता काबिज करने में सफलता मिली। वहीं गोंदिया नप में 5 और गोरेगांव नपं में 2 उम्मीदवार चुनकर आए। इसलिए राकांपा का भी दबदबा रहा।






